ओवरब्रिज के लिए 25 करोड़ की राशि को मिली स्वीकृति, नहीं बना ओवरब्रिज, बन कर रह गया सांसद का चुनावी ज़ुमला
सिहोरा/ शुभम शुक्ला : – खितौला के पास रेलवे फाटक ओवरब्रिज की मांग क्षेत्रवासियों की पुरानी मांग है जो कि अभी तक पूरी नहीं हो सकी, कई सालों से राजनीतिक मुद्दा बना खितौला ओवरब्रिज जिसके सांसद राकेश सिंह वा पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया व बड़े बड़े बैनर पोस्टरों में खूब वाह वाही लूटी गई पर निर्माण कार्य दो सालों से शुरू नहीं हो सका।
25 करोड़ 95 लाख की राशि ओवरब्रिज के लिए स्वीकृति की गयी थी जिसकी जानकारी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पोस्टरों और सोशल मीडिया के माध्यम से दी गयी। ओवरब्रिज ना होने के कारण जनता को घंटो घंटो जाम में लगकर परेशान होना पड़ता है वहीं कई बार एम्बुलेंस में बैठे मरीजों की जान भी जा चुकी है ।
जनता का आरोप है कि सांसद द्वारा अभी तक ब्रिज बनाने का कार्य शुरू नहीं करवाया गया। हमें हर रोज़ जाम में फंसकर भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
पैसे खाकर डंकार न भरने वाले नेता ठाठ से अपने घरों में बैठ के ऐश फरमा रहे हैं और हर्ज़ाना जनता भर रही है। आये दिन भारी जाम के कारण दुर्घटना हो रही है। लोगों के कीमती समय का दुरूपयोग हो रहा है, पर भाई इससे ऊपर बैठे नेताओं को क्या मतलब। उन्हें तो तब मतलब होता है जब जनता से वोट लेना होता है तब वह चिकनी चुपड़ी बातें करके मासूम जनता को मुहरा बनाते हैं और उनके वोट से अपना महल खड़ा करते हैं।
भाजपा प्रदेश और सांसद राकेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर खितौला मार्ग पर ओवरब्रिज के लिए केंद्रीय सड़क निधि से 25 करोड़ की राशि की स्वीकृति दिलाई थी।
पर कोई भी संतोषजनक कार्य की शुरुवात भी नहीं की गयी।
दो वर्ष हो गए पर यह नेता ठेकेदार मिलकर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं ,और इनकी मेहनत की जलाई आग पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। न जाने खितौला के हालत कब तक ऐसे ही रहेंगे कुछ भी खा नहीं जा सकता। ब्रिज सिर्फ पोस्टरों में देखे जा रहे हैं असल ज़िन्दगी में खितौला की जनता कब ब्रिज देख पायेगी इसका पता नहीं है।