पूर्णिमा पर प्रशासन की व्यवस्था, मैली शिप्रा में श्रद्धालुओं को डुबकी नही फव्वारा स्नान
पूर्णिमा पर प्रशासन की व्यवस्था, मैली शिप्रा में श्रद्धालुओं को डुबकी नही फव्वारा स्नान
- कीचड़ स्नान के बाद फव्वारा स्नान की व्यवस्था
- शिप्रा का जल अब भी मैला
- आज नही लगा पाएंगें श्रद्धालु डुबकी
आज पूर्णिमा का दिन है। हजारों श्रद्धालु पवित्र शिप्रा में स्नान के लिए उज्जैन पहुंच रहे हैं,ताकि वो शिप्रा नदी में डुबकी लगा कर पुण्य कमा सके लेकिन इस बार नदी में डुबकी नहीं लगा पाएंगे, क्योंकि शिप्रा का पानी अभी गंदा है। इसमें इंदौर से आ रही कान्ह नदी का दूषित पानी मिल रहा है। प्रशासन ने घाटों पर बैनर लगाकर लोगों से आग्रह किया है कि शिप्रा में डुबकी न लगाएं। फव्वारों से स्नान करें। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पानी होते हुए भी लोग शिप्रा में डुबकी नहीं लगा पाएंगे। संभागायुक्त अजीत कुमार का कहना है कि लीकेज सुधरवा रहे हैं। पहले की तुलना में शिप्रा के पानी में थोड़ा सुधार हुआ है।
शिप्रा का कीचड़ स्नान
5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पानी नहीं था। प्रशासन ने फव्वारों की व्यवस्था की, लेकिन उसमें कीचड़ मिला पानी आया। श्रद्धालुओं को ऐसे ही पानी में स्नान करना पड़ा था। इस अव्यवस्था पर शासन ने संभागायुक्त एमबी ओझा और कलेक्टर मनीष सिंह को हटा दिया था।
लेकिन इस बार ट्यूबवेल के पानी से स्नान की व्यवस्था हुई है आखिर प्रशासन कर क्या रहा है जो शिप्रा में लोगो को डुबकी तक लगाने की स्थिति नही है। आखिर कब शिप्रा का पानी साफ होगा ये सब केवल सवालो के घेरे में है इसका जवाब प्रशासन के पास नही है। क्योंकि अब तक शासन चैन की नींद सो रहा है