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प्रशासन ने गिराई गुमटी, वसीम शेख बोले, मैं दंगा कैसे कर सकता हूं? मैं पानी के लिए भी दूसरों पर निर्भर हूं 

भोपाल : मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद प्रशासन लगातार अपराधियों के घरों-दुकानों पर बुलडोजर चला रहा है। इसी कड़ी में बुलडोजर से वसीम शेख नाम के ऐसे शख्स की गुमटी गिरा दी गई है जिसके दोनों हाथ 2005 में एक हादसे में कट गए थे। वसीम शेख ने कहा कि सरकार उनकी गुमटी को ध्वस्त कर दिया। इसके लिए उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला ताकि वह वक्त रहते सामान को सुरक्षित निकाल सकते। 

वहीं, पुलिस-प्रशासन की नजरों में वह दंगों का आरोपी है।  वसीम शेख ने कहा, 'सरकार कह रही है कि दंगा करने वालों के घर और दुकानें गिरा दी गई हैं। मैं दंगा कैसे कर सकता हूं? मैं पानी के लिए भी दूसरों पर निर्भर हूं। मेरे पास अपने दो बच्चों की पत्नी और मां को खिलाने का कोई साधन नहीं है। 

बताया जा रहा है कि जिस दुकान को सरकार के बुलडोजर ने ढहाया उससे ही सबका गुजारा होता था। वसीम शेख ने कहा, 'मेरी गुमटी को ध्वस्त कर दिया है, जिसमें एक छोटा सा बिजनेस करता था। उस गुमटी में मैं कैंडी बेचता था और अपने पांच लोगों के परिवार का गुजारा करता था। बता दे कि 35 साल के वसीम शेख 2005 में बिजली की करंट के चपेट में आ गए थे, इस हादसे में उसे गहरी चोट लगीं और दोनों हाथ काटने पड़ गए। 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के खरगोन ज़िले में रामनवमी के जुलूस के दौरान जमकर हिंसा हुई थी। उपद्रवियों द्वारा पेट्रोल बम भी फेंके गए थे। गोशाला मार्ग स्थित शीतला माता मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। वहीं, तालाब चौक, भावसार मोहल्ला व गोशाला मार्ग पर कई घरों और वाहनों के साथ सराफा क्षेत्र में कुछ दुकानों में आग लगा दी गई थी। जबकि, कुछ लोगों ने इमलीपुरा क्षेत्र समेत कई जगहों पर पथराव कर दिया था। इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। 

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