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किसान का कहना "मोदी" और "शाह" ने ख़ुदकुशी के लिये उकसाया, जहर खाकर की जान देने की कोशिश, जानें पूरा मामला 

किसान का कहना “मोदी” और “शाह” ने ख़ुदकुशी के लिये उकसाया, जहर खाकर की जान देने की कोशिश, जानें पूरा मामला 

 द लोकनीति डेस्क : गरिमा श्रीवास्तव

 देश में 26 नवंबर से कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. इसी बीच कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 65 वर्षीय किसान निरंजन सिंह ने ज़हर खाकर जान देने की कोशिश की., उन्हें समय पर अस्पताल पहुँचाकर बचाया गया।
 पहले निरंजन सिंह को पानीपत के अस्पताल पहुंचाया गया, 
इसके बाद पंजाब के तरनतारन के रहने वाले निरंजन सिंह को रोहतक के पीएजीआई अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
 निरंजन सिंह की हालत जब फिर वही तब उन्होंने कहा कि सरकार की नींद तब खुलती है जब कोई आत्महत्या करता है. अगर मेरे आत्महत्या करने से दूसरे किसानों का हित हो सकता है तो मैं जान भी दे सकता हूं. निरंजन सिंह ने मीडिया से कहा कि जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, तो इसके लिए उसे उकसाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। मुझे आत्महत्या के लिए उकसाने वाले देश के प्रधानमंत्रो नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं। लिहाज़ा इन दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। 
 किसान आंदोलन लगातार चल ही रहा है.. उत्तर प्रदेश पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर जहां भी किसान आंदोलन कर रहे हैं वहां 11-11 की संख्या में भूख हड़ताल भी जारी है.. पर सरकार अपने निद्रा से जाग नहीं रही. 
पंजाब के फिरोजपुर में भी एक किसान कुलबीर सिंह ने सोमवार को खुदकुशी कर ली, जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल होकर लौटा था। कुलबीर पर करीब 8 लाख रुपये का कर्ज था। किसान नेताओं ने रविवार को आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा देते हुए श्रद्धांजलि दी है। पंजाब के बठिंडा जिले में भी 22 साल का एक युवा किसान भी आंदोलन से लौटने के बाद जान दे चुका है।

 जाने सरकार की यह जनविरोधी बिल और कितने को मौत के मुंह में ले डूबेगी..

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