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सलमान रुश्दी पर मंच के बीचों बींच चाकू से हुआ हमला, 20 सेकंड में किए 10 से 15 वार

सलमान रुश्दी पर मंच के बीचों बींच चाकू से हुआ हमला, 20 सेकंड में किए 10 से 15 वार, रुश्दी की हालत नाजुक

सलमान रुश्दी पर मंच के बीचों बींच चाकू से हुआ हमला, 20 सेकंड में किए 10 से 15 वार, रुश्दी की हालत नाजुक

सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है।हमले के फौरन बाद रुश्दी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति नाजुक है। आइए जानते हैं कौन हैं सलमान रुश्दी और क्या है? उनकी किताब ‘सैटनिक वर्सेज’ का विवाद-

सलमान रुश्दी को क्या हुआ?

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया। इस दौरान रुश्दी की गर्दन से काफी खून निकला। रुश्दी पर उस समय हमला किया गया, जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले थे। हमलावर ने रुश्दी पर चाकू से 20 सेकंड में किए 10 से 15 वार किए जिसके बाद मंच पर खून ही खून हो गया। फिलहाल, अस्पताल में रुश्दी की सर्जरी की जा चुकी है और उनको वेंटिलेटर पर रखा गया है।

कौन हैं सलमान रुश्दी?

19 जून 1947 को मुंबई में पैदा होने वाले सलमान रुश्दी एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार से हैं। जन्म के कुछ सालों बाद ही रुश्दी का परिवार ब्रिटेन में रहने लगा। स्कूली पढ़ाई इंग्लैंड के फेमस रग्बी स्कूल से करने के बाद रुश्दी ने आगे की शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से की। फिर 1968 में HISTORY में MA की डिग्री हासिल करने के बाद 1970 में उन्होंने लंदन में एक एडवरटाइजमेंट राइटर के तौर पर नौकरी शुरू कर दी। इसके बाद 1975 में रुश्दी ने ग्राइमस नाम से पहली किताब पब्लिश की। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सलमान रुश्दी सम्मानित किए गए। सलमान रुश्दी की लिखी हुई करीब 30 किताबें हैं, जिनमें फिक्शन, नॉन-फिक्शन उपन्यास और बच्चों पर लिखी गई किताबें भी शामिल हैं।

रुश्दी की हलात नाजुक, गंवा सकते हैं एक आंख

रुश्दी अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। सलमान की एक आंख खोने की आशंका है, उनकी बांह की नसें कट गई हैं और उनका लीवर क्षतिग्रस्त हो गया है।
बता दें मुंबई में जन्मे रुश्दी को ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के बाद वर्षों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियां मिलीं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी रुश्दी पर हुए हमले के बारे में जानकर स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राय जाहिर करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करते हुए बोले गए या लिखे गए शब्दों की प्रतिक्रिया में हिंसा किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।

‘द सैटेनिक वर्सेज’ पर क्या है विवाद?

सलमान रुश्दी के 1988 में आये उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verses) को लेकर अलग-अलग देशों, खासकर इस्लामिक देशों में विरोध-प्रदर्शन हुए, रुश्दी के पुतले फूंके गए ,किताब की प्रतियां जलायी गईं। भारत और ईरान सहित कई देशों में यह किताब बैन कर दी गई है। भारतीय मूल के जानेमाने लेखक सलमान रुश्दी तीन दशक से ज्यादा समय से इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। उन्हें पहले भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। एक समय तो हालात ऐसे बन गए थे कि लगभग एक दशक तक उन्हें गुमनामी की जिंदगी जीना पड़ा। तब वह न कहीं सार्वजनिक तौर पर दिखते थे, न बहुत लोगों से मिलते-जुलते ही थे। साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों में शिरकत करने की बात तो वह तब सोच ही नहीं सकते थे। वह दौर था- 1989-90 का, जब ईरान के सर्वोच्च धार्मिक गुरु अयातुल्लाह खुमैनी ने उनकी हत्या किये जाने पर 30 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा था। वजह थी- उनकी ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verses). कहते हैं कि यह उपन्यास इस्लाम, पैगंबर मुहम्मद और इस्लामिक परंपराओं की कड़ी आलोचना करती है।

59 लोगों ने गवाई जान

सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर दुनिया भर के कई देशों में हो रहे हिंसक विरोध में 59 लोगों मारे गए हैं। इन मृतकों की संख्या में इस किताब के प्रकाशक और दूसरे भाषा में अनुवाद करने वाले लोग भी शामिल हैं।
जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी ने रुश्दी की किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ की अपने भाषा में अनुवाद किया था। इसके कुछ दिनों बाद ही उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसी तरह ‘सैटेनिक वर्सेज’ के इटैलियन अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी जानलेवा हमले किए जा चुके हैं।

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