भू-माफिया ने फर्जीवाड़ा कर किए करोड़ों रुपये पार, सोसाइटी मेंबर्स भुगत रहे परेशानी
- सोसाइटी मेंबर्स को पैसे देने के बाद भी नहीं मिल रहे प्लॉट
- सोसाइटी के लगभग 400 सदस्य अभी भी प्लॉट की आस में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं
- कुछ हाउसिंग सोसाइटीज के पास खाते में ना तो पैसे हैं, न ही ज़मीन
- 3 दर्जन सोसाइटियों की 150 एकड़ जमीन बेच दी
- भू माफियाों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं
भोपाल : आयुषी जैन : राजधानी की गृह निर्माण सहकारी समितियों में पैसे जमा करने के बावजूद प्लॉट से वंचित सदस्यों को प्लॉट के लिए प्रशासन ने कवायद शुरू की है , जिसमें ऐसे सदस्यों से आवेदन मांगे गए हैं.
लेकिन सच तो यह है कि कुछ हाउसिंग सोसाइटीज ऐसी भी हैं जिनके खाते में ना तो पैसे हैं , न ही उनके तत्कालीन संचालको के पास ज़मीन।
संचालक जमीन भी भेज चुके हैं, ऐसे में सोसाइटी अपने मेंबर्स को प्लॉट या पैसे कहां से देंगे इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है.
गौरतलब है कि, करीब 3 दर्जन गृह निर्माण सहकारी समितियों की डेढ़ सौ एकड़ से अधिक जमीन उनके संचालकों ने सदस्यों को बेच दी है.
संचालकों ने करीब सौ करोड़ से अपनी जेब भर लीं हैं.
सहकारी विभाग की अनुमति के बिना सहकारी समिति की जमीन बेची नहीं जा सकती है, लेकिन आधे से ज्यादा सोसायटी की जमीन बिना किसी अनुमति के बेच दी गई है.
जाहिर सी बात है कुछ जमीन अधिकारियों की मिलीभगत से यह कार्य किए गए हैं. हम आपको बता दें जिन अधिकारियों ने यह कार्य कराया है उन पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
भू माफिया ने जमीन के जमकर फर्जीवाड़ा किए हैं इसमें तत्कालीन सोसायटी अध्यक्ष और संचालकों ने अधिकारियों से मिलीभगत करके सोसाइटी की जमीन को बेच डाला है या जमीन कॉलोनी सर्च कर दी गई है जिसका सीधा नुकसान सोसायटी के सदस्यों को भुगतना पड़ रहा है.
क्योंकि सालों बाद भी ना इन सदस्यों को पैसा मिला ना ही जमीन।
सहकारिता विभाग ने भी गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए प्रकरण दर्ज कराई लेकिन पूरी कमाई जमा करने वाले सदस्यों को अब तक कुछ भी नहीं मिला।
सोसाइटी के लगभग 400 सदस्य अभी भी प्लॉट की आस में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं
सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी समिति के संचालकों ने वर्ष 2001 से 2007 के बीच बिल्डरों को दामखेड़ा और पीपलनेर की जमीन बेचकर सबसे ज्यादा पैसा कमाया है. सहकारिता विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वधर्म की जमीन बिना किसी अनुमति के गैर सदस्यों को बेचकर संचालकों ने ढाई करोड रुपए कमाए हैं जबकि,
सोसाइटी के लगभग 400 सदस्य अभी भी प्लॉट की आस में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
जागे सहकारिता विभाग में जमीन बेचने वाले पदाधिकारियों और क्रय करने वाले सदस्यों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया है. इसके साथ ही रजिस्ट्री निरस्त कराने के लिए सिविल कोर्ट में प्रकरण लगाए गए हैं, इसके साथ श्रीराम सोसाइटी की लाउखेड़ी में स्थित 3 जमीन साल 2008 में बिल्डर को बेचीं गई, अलकापुरी सोसायटी में कटारा में स्थित 6.55 एकड़ जमीन 65 लाख 50 हज़ार रुपये में बेच दी गयीं।