कारम डैम लीकेज : CM शिवराज का बड़ा एक्शन, लिया ये फ़ैसला, विपक्ष ने उठाए थे सवाल
धार : धार ज़िले के कारम नदी पर बना क्षतिग्रस्त बांध इस समय प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज ने इस मामलें में देर शाम बड़ा एक्शन लेते हुए दो बड़ी कंपनियों को {मेसर्स ए एन एस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली और मेसर्स सारथी कंस्ट्रक्शन ग्वालियर} को संयुक्त रूप से जिम्मेदार मानते हुए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
राज्य सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया है। राज्य सरकार के जारी आदेश के मुताबिक निलंबन की अवधि में कंपनियों पर प्रतिबंध लागू रहेंगे। निलंबन अवधि में नया रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। फर्म का निलंबित कोई भी भागीदार कभी किसी दूसरे नाम से पंजीयन नहीं कर सकेगा। नई निविदा में भी भागीदार नहीं हो सकेंगे।
राज्य सरकार ने माना है कि सही तरीके से निर्माण नहीं करने के कारण डैम में 11 अगस्त से रिसाव शुरू हो गया था और इसके पीछे संबंधित कंपनी जिम्मेदार है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस डैम को लेकर शिवराज सरकार पर करारा हमला बोला था। उन्होंने कहा था की यह शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है। कमलनाथ ने कहा था कि अगर सही ढंग से डैम का निर्माण होता तो यह आवश्यकता ही नहीं पड़ती। सभी जानते है कि इस बांध की मुख्य निर्माण कंपनी दिल्ली की थी। पेटी कांटैक्ट किसी और को दिया, यह सब पहले से ही तय था। उस सार्थक कम्पनी का मालिक कौन, पार्ट्नर कौन, इसका भी जल्द खुलासा होगा। इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ये भी कहा था की यह तो अभी पहली बारिश थी, आगे पता नहीं भ्रष्टाचार के कारण कितने पुल-पुलिया, डैम बहेंगे।वहीं, जांच कमेटी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जो जिम्मेदार लोग हैं, उन्हीं की कमेटी बनाकर सरकार इस पूरे भ्रष्टाचार पर लीपापोती का प्रयास कर रही है।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी कारम बांध मामले में किसी पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़े किए थे। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा था सरकार ने डेम मामले में अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं की यह सवालों के घेरे में है। संबंधित कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई होना चाहिए।
विपक्ष के लगातार हमलवार रूप के बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो बड़ी कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। कहा ये भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ अफसरों पर भी इस मामले में गाज गिर सकती है।