MP: संजीवनी क्लीनिक के डॉक्टर्स पर अब साफ्टवेयर की निगरानी, फेस स्कैनिंग के जरिए ही कर पाएंगे लॉगिन
- डॉक्टरों के आने-जाने के समय पर साफ्टवेयर के जरिए रखी जाएगी नजर
- लॉगिन और लॉग आउट की मिलेगी पूरी जानकरी
- समय पर नहीं आते थे डॉक्टर्स इसलिए बनाया गया यह नियम
भोपाल/निशा चौकसे:- प्रदेश भर के संजीवनी क्लीनिकों पर डॉक्टरों के आने-जाने के समय पर साफ्टवेयर के जरिए नजर रखी जाएगी। वह अपने टैबलेट पर कितने बजे लॉगिन करते हैं और कब लॉग आउट करते हैं, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अफसर देख सकेंगे। बता दें की यह व्यवस्था इसी हफ्ते से शुरू कर दी गई है। साफ्टवेयर में यह भी प्रविधान किया गया है कि डॉक्टर के आने पर ही वह लॉगिन कर पाएंगे, न कि कोई और कर्मचारी। इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि डॉक्टर अपने फेस स्कैनिंग के जरिए लॉगिन हो पाएंगे।
इस कारण से रखी जाएगी निगरानी
दरअसल, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर भोपाल में तीन साल से संजीवनी क्लीनिक चल रहे हैं। यहां डॉक्टर, फार्मासिस्ट और पंजीयन करने वाले कर्मचारी को मरीज की जानकारी दर्ज करने के लिए टैबलेट दिए गए हैं। डॉक्टर द्वारा अपने टैबलेट पर लिखी गई दवाएं फार्मासिस्ट के पास पहुंच जाती हैं और वह दवाएं देता हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सूचना मिल रही थी कि कुछ क्लीनिक में डाक्टर समय पर नहीं आ रहे हैं। इस कारण अब टैबलेट में लॉगिन और लागआउट समय के आधार पर डॉक्टरों के आने-जाने के समय की निगरनी की जाएगी।
प्रदेश के इन शहरों में है संजीवनी क्लीनिक
संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत 2019 में प्रदेश में हुई थी. भोपाल के प्रियदर्शिनी नगर में शहर का पहला क्लीनिक शुरू हुआ था. इसके अलावा प्रदेश के अन्य संभाग स्तरीय जिलों इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, अन्य जिलों में भी संजीवनी क्लीनिक हैं, जिनमे रविवार को भी सेवाएं उपलब्ध होती हैं.