MP:- उम्मीद की ताख पर अतिथिविद्वान, नई सरकार बनने से दिल में दौड़ी आशा की लहर
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :-विगत 5 माह से बेरोजगारी की पीड़ा झेल रहे अतिथि विद्वानों को आज एक नई आशा की किरण दिखाई दी है। महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान परिवार आज महसूस कर रहा है कि अब शिवराज सरकार से ही हमारी पीड़ा और व्यथा दूर होगी। मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में विगत कई वर्षों से अध्यापन करने वाले अतिथि विद्वानों के साथ माननीय जीतू पटवारी तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ने छल, कपट तथा झूठ बोल कर कर हाविद्यालय से फालेन आउट कर दिया था। ये अतिथि विद्वान बेरोजगारी रूपीअपनी पीड़ा का दंश झेलते हुए विगत 5 माह से दर-दर भटक रहे हैं। कई अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी मानसिक पीड़ा और तनाव के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिए, तथा कई अतिथि विद्वानों के बच्चे किसी की पिता, किसी की पत्नी का आर्थिक तंगी में उचित इलाज न मिलने के कारण मृत्यु हो गई। इनमें डॉ.समी खारे अतिथि विद्वान टीकमगढ़ डॉ राज का बेटा काव्यांश का उचित इलाज न मिल पाने के कारण मौत हो गई। संजय कुमार एवं अजय त्रिपाठी जी फालेन आउट होने तथा भविष्य की अनिश्चितता के कारण मौत को गले लगा लिया इसी प्रकार श्रीमती रूपा शर्मा के पति अमित जी का इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई। श्रीमती शर्मा विगत 5 माह से शासकीय विद्यालय जयसिंह नगर, जिला शहडोल से फालेन आउट अतिथि विद्वान हैं।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉक्टर सुरजीत सिंह भदौरिया का कहना है कि हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय शिवराज जी की सरकार और उनके कैबिनेट में शपथ लिए मंत्री हमारी पीड़ा को भली-भांति जानते हैं। हमें पूरी आशा और उम्मीद है कि यह सरकार हम अतिथि विद्वानो के परिवार को विखंडित होने से बचा करके हमारे भविष्य को सुनिश्चित करेंगे। महोदय अतिथि विद्वानों का परिवार सदैव आपके इस सुंदर कार्य के लिए ऋणी रहेगा और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि यह शिवराज का राजनैतिक परिवार निरंतर तरक्की कर पूरे हिंदुस्तान में अपने यश और कीर्ति का पताखा लहराए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हम फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को यथास्थिति का जब तक आदेश निकाला जाए
और सभी को 2 माह की सैलरी प्रदान की जाए जिससे कि अतिथि विद्वानों में आर्थिक तंगी की वजह से मौत को गले लगा रहे हैं से निजात मिले