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जबलपुर में शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरगढ में मनाया गया, विश्व हाथ धुलाई दिवस ,बच्चों में डाली हाथ धुलने की अच्छी आदत

जबलपुर में शासकीय  प्राथमिक विद्यालय हरगढ में मनाया गया, विश्व हाथ धुलाई दिवस ,बच्चों में डाली हाथ धुलने की अच्छी आदत 
जबलपुर :
शासकीय प्राथमिक विद्यालय हरगढ  तह.  सिहोरा  जिला  जबलपुर में 15  अक्टूबर  2019 विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर इस वर्ष  '   “सभी  के लिए स्वच्छ हाथ”  थीम पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें हाथ धोने के सही तरीके एवं हाथ धोने का  महत्व बच्चों को समझाया गया।

एक छोटी सी आदत हजारों बच्चों की मौतों के सिलसिले को रोक सकती है। इससे बच्चों में होने वाली कई बीमारियों से ही बचाव नहीं होता बल्कि इससे बच्चों को हम अनजाने ही साफ-सफाई का सन्देश और सीख भी देते चलते हैं।

  • अच्छी बात है कि मध्यप्रदेश जैसे राज्य ने इसमें पहल करते हुए एक ही दिन में एक समय पर एक साथ लाखों बच्चों के हाथ धुलवाने का बड़ा आयोजन किया और इसमें उनके प्रयास को विश्व रिकॉर्ड की तरह शामिल भी किया गया। पर अब यह जरूरी है कि हम मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड से आगे बढ़कर प्रयास करें ताकि बच्चों की दैनिक आदत में इसे ढाला जा सके।
  • जी हाँ, बच्चों में एक छोटी सी आदत कि भोजन से पहले और शौच के बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ धुलाई करें, इसके लिए अब हमें जोर देने की जरूरत है। आँकड़े बताते हैं कि अकेले मध्यप्रदेश में ही हर महीने पाँच साल से कम उम्र के करीब एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौतें सिर्फ दस्त, निमोनिया और श्वसन सम्बन्धी संक्रमणों की वजह से हो जाती है। यही आँकडा विश्व स्तर पर हर साल 35 लाख बच्चों की असमय मौत के भयावह आँकड़ों में तब्दील हो जाता है।
  • यह आँकड़े हमें चौंकाते भी हैं और हमारे तमाम प्रयासों को मुँह भी चिढ़ाते नजर आते हैं। मौत के आँकड़ों की इस भयावहता को कम किया जा सकता है इसी छोटी सी युक्ति से। भोजन से पहले और शौच के बाद अच्छी तरह साबुन से हाथ धोने से बीमारियों के संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि स्वच्छ हाथ ही हमारे स्वस्थ और सुरक्षित जीवन की कुंजी है। वे बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में बच्चों के हाथ गन्दे होने से ही बीमारियों के रोगाणु उनके शरीर में प्रवेश करते हैं। जो बच्चे साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए नियमित इस आदत का पालन करते हैं उनमें बीमारियों की सम्भावना भी कई गुना तक कम हो जाती है साथ ही उनमे रोग प्रतिरोधक यानी रोगों से लड़ने की क्षमता भी काफी हद तक बढ़ जाती है। कई कुपोषित बच्चों में भी देखा गया है कि साफ-सफाई के अभाव तथा हाथ नहीं धोने से वे संक्रमण का शिकार हो जाते हैं और दिन-ब-दिन बीमार रहने लगते हैं। इनका शरीर कमजोर होने लगता है और धीरे-धीरे ये गम्भीर रोगी होकर एक दिन मौत की नींद सो जाते हैं।

स्कूल का सन्देश होता है कि  इस दिन सभी शालाओं में मध्याह्न भोजन से पहले सभी विद्यार्थियों के हाथ साबुन से धुलवाए जाएंगे। साथ ही बच्चों को प्रतिदिन भोजन से पहले साबुन से हाथ धोने की सीख दी जाएगी। इस संबंध में शासन की ओर से जिला प्रशासन काे आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश के अनुसार हाथ धुलाई के लिए सभी स्कूलों में उचित व्यवस्था की बात कही गयी है। 

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