BJP में शामिल होंगे गुलाम नबी आजाद? करीबी नेता का बड़ा बयान

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस हाईकमान के बीच पिछले डेढ़ साल से टकराव चल रहा है। सुलह की बजाय यह टकराव लगातार बढ़ रहा है। बताया जाता है कि कांग्रेस नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के सियासी प्रभाव को कम करना चाह रहा है। गुलाम नबी आजाद भी लीडरशिप को समय-समय पर चुनौती दे रहे हैं।
हालही में गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन दो घंटे के भीतर ही गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा दे दिया। दरअसल, 73 साल के आजाद अपनी सियासत के आखिरी पड़ाव पर फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे है। लेकिन पार्टी उन्हें कहीं न कहीं इससे दूर रखी हुई है। जो उन्हें शायद पसंद नहीं आ रहा है।
दरअसल, गुलाम नबी आजाद पिछले प्रदेश अध्यक्ष अहमद मीर का विरोध कर रहे थे। मीर से उनकी लंबे समय से अनबन चल रही थी। उन्हीं के दबाव में कांग्रेस आलाकमान ने मीर को हटाया भी था। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आजाद के करीबी को दायित्व भी दे दिया, लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं आया। इतना ही नहीं आजाद के करीबी लोगों को किसी न किसी पद पर रखा जा रहा है, लेकिन मन की बात पूरी न होने पर आजाद ने खराब सेहत की वजह से कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष का पद संभालने से इनकार कर दिया।
वहीं, उनके इस्तीफ़े के बाद इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या वे BJP में जा रहे हैं। क्या वह अलग पार्टी बनाएंगे। हालांकि, आजाद के एक करीबी नेता ने साफ किया है कि वे फिलहाल कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस में रहकर ही अपनी बात उठाते रहेंगे। हालांकि, आजाद की नाराजगी कांग्रेस को 2022 के विधानसभा चुनाव में महंगी पड़ सकती है, क्योंकि जम्मू कश्मीर कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद ही सबसे प्रभावशाली नेता हैं।