NPR पर कौन सहीं बोल रहा है, अमित शाह या उनके मंत्रालय की वेबसाइट ?
नई दिल्ली/ गरिमा श्रीवास्तव :-नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर हो रहे भयावह हिंसक प्रदर्शन के बाद केंद्रीय केबिनेट मंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है।
जानिए एनपीआर का उद्देश्य क्या है –
इस रजिस्टर के अंतर्गत देश में जीवन यापन करने वाले हर स्थानीय निवासी के जीवन का डेटाबेस तैयार करना है। इस पंजीयन में व्यक्ति का संपूर्ण परिचय ब्यौरा शामिल रहेगा। यह हर नागरिक को एक जगह जमा करने का काम करती है।
अगर कोई भी व्यक्ति विशेष एनपीआर के तहत गलत सूचना देता है तो सिटिज़नशिप रूल्स 2003 के अंतर्गत उसे ज़ुर्माना अदा करना होगा।
ऐप के जरिये घर घर जाकर देश के नागरिकों का डाटा संकलन किया जायेगा।
अब जानते हैं एनआरसी के उद्देश्य –
इससे अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों की पहचान होगी। NRC में दस्तावेज परीक्षण के बाद वैध सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इसमें दावे आपत्ति का प्रावधान भी किया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा बयान –
अमित शाह ने एक मीडिया इंटरव्यू में बयान देते हुए कहा कि -NRC पर अभी संसद और कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हो रही है ,मैं यह कथन स्पष्ट करना चाहता हूँ कि “एनपीआर का एनआरसी से कोई सम्बन्ध नहीं है “।
परन्तु आपको बता दें की गृह मंत्री के इस बयान के बावजूद जनता के अंदर एक तरह की अलग खलबली मचना लाज़मी है ,क्योंकि गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर यह कथन साफ़ वर्णित है कि एनआरसी तैयार करने की दिशा में ही पहला कदम है एनपीआर। यानि की अमित शाह द्वारा दी गयी जानकारी के ठीक उलट।
चूँकि वेबसाइट ने तो सारे कथन साफ़ कर दिए हैं। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या अमित शाह अपने बयान से बदलेंगे या पूर्व में दिए बयान पर ही अडिग रहेंगे। खैर बाकी यह पब्लिक तो सब जानती है जी।