सभी खबरें

विजयाराजे सिंधिया के पोते ने दोहराया इतिहास, अल्पमत की कमलनाथ सरकार को गिराया – CM शिवराज 

मध्यप्रदेश/भोपाल – वर्ष 1967 में विजयाराजे सिंधिया ने मप्र में कांग्रेस की डीपी मिश्र की सरकार गिरवा दी थी। विजयाराजे सिंधिया के साथ कांग्रेस के 36 विधायक विपक्षी खेमे में आ गए। इसके बाद डीपी मिश्र की सरकार गिर गई और पहली बार मध्य प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकर बनी थी, तब गोविंद नारायण सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। मप्र यह इतिहास 53 साल बाद दोहराया गया। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार गिरा दी। सिंधिया के साथ 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे। हालांकि बाद में यह संख्या बढ़कर 29 हो गई थी।

बता दे कि सोमवार को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में जनसंघ की नेता एवं बीजेपी की संस्थापक सदस्य राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पुण्यतिथि मनाई गई। प्रदेश कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित कई नेता शामिल हुए। इस दौरान सीएम शिवराज ने बड़ा बयान दिया। 

सीएम शिवराज ने कहा कि राजमाता ने प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस की सरकार गिराई थी। उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इतिहास दोहराया हैं। उन्होंने अल्पमत की कमलनाथ सरकार को गिराया। अब पूरा सिंधिया परिवार एक ही पार्टी में हैं। उन्होंने कहा, राजमाता ने तय किया था कि कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों को वे मध्यप्रदेश में नहीं चलने देंगी, इसलिए उन्होंने सत्ता के लिए नहीं, बल्कि जनता की सेवा के लिए कांग्रेस की सरकार गिराई थी। 

सीएम शिवराज ने बताया, बीजेपी ने राजमाता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया था। अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने उनसे आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें, लेकिन राजमाता ने इंकार कर दिया था। राजमाता ने कहा कि मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना, मैं पीछे से काम करूंगी। यही वजह है कि राजमाता का योगदान देश और प्रदेश के विकास में अतुल्यनीय हैं। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button