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माखनलाल विवि के छठवें तल से होगा कोरोना का इलाज !

भोपाल डेस्क (गौतम कुमार):  कोरोना मध्य प्रदेश के दरवाजे पर दस्तक दे रही थी और राज्य में सत्ता का खेल खेला जा रहा था। अब जब कोरोना अपना कहर दिखा रही है तो राज्य में स्वास्थ्य मंत्री नहीं है लेकिन पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति बिना किसी विलंब के कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव द्वारा पुत्र में की गई अपराध के कारण आज पूरा स्वास्थ्य महकमा वेंटिलेटर पर है। लेकिन सीएम की आंखों में माखनलाल विवि में कांग्रेस द्वारा नियुक्त कुलपति ज्यादा खटक रहा था, इसलिए आनन फानन में कुलपति का इस्तीफा लेकर कार्यकारी कुलपति नियुक्त कर दिया गया है, मानो जैसे कोरोना संक्रमण के इलाज में स्वास्थ्य मंत्री से अधिक जरूरी भूमिका कुलपति की ही हो।

मुख्य प्राथमिकताओं पर ध्यान न देकर मीडिया को तवज्जो देना शिवराज सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। बता दें कि कांग्रेस सरकार ने आते ही माखनलाल विवि के कुलपति जगदीश उपासने और कुलसचिव संजय द्विवेदी से इस्तीफा ले लिया था।

एक महीना पहले कोरोना रुपी महामारी मध्य प्रदेश के दारवाजे पर खड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी social distancing का पालन करने को कह रहे थे लेकिन उनके ही पार्टी के नेता सरकार बनाने के लिए सोशल दूरी को अपनी जूती के नोक पर रख दिए थे। मामा शिवराज को लग रहा था आज नहीं तो कभी नहीं।

सरकार बने एक महीना होने वाला है और राज्य में कोरोना के 1400 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इंदौर में 841 संक्रमित, राजधानी भोपाल में 197, जिनमें 100 से अधिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैं। इतना होने के बावजूद राज्य में स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनाया गया है। लेकिन मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव की नियुक्ति सरकार की पहली प्राथमिकता है।

विचारणीय है कि कनिका कपूर से किसी भी अन्य व्यक्ति को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था। जबकि स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोयल ने अब तक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सौ से अधिक अधिकारीयों को कोरोना का मरीज बना दिया है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में कनिका कपूर के ऊपर मुकदमा दर्ज किया जाता है जबकि मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव के लिए कानूनी मापदंड अलग हैं। बता दें कि पल्लवी जैन गोयल घर में 5 स्टार ट्रीटमेंट ले रही हैं। उन्होंने हॉस्पिटल जाकर इलाज कराना भी स्वीकार नहीं किया।

इंदौर में स्कूटर पर लाश लेकर जाने की खबर आई है, भोपाल में संक्रमित के मरने के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। विदिशा से भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। लगभग तीस जिलों में कोरोना का संक्रमण हो चुका है। लेकिन सरकार है कि मानती नहीं ……

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