अपने सीएम को थैंक्स कहना मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आया ये वाक्य कल PM मोदी के थे.
नई दिल्ली/पीयूष परमार
अपने सीएम को थैंक्स कहना मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आया ये वाक्य कल PM मोदी के थे.
कल पंजाब में सुरक्षा कारणों से PM मोदी की रैली रद्द होने के बाद पूरे देश में सियासी भूचाल आ गया है. BJP इस पूरी घटना को PM को हत्या की साजिश से जोड़ रही है वहीं कांग्रेस का कहना है कि PM की रैली में 70 हजार कुर्सियां लगाई थीं जिसमें 700 भी नहीं भरी थी जिसके कारण रैली रद्द हुई लेकिन सिर्फ कांग्रेस के इतना कह देने भर से मामला शांत नहीं होता. क्योंकि हम एक एक घटना को जोड़ते हैं तो सामने आता है कि PM का काफिला जब सड़क मार्ग से निकलता है तो उसके लिए जरूरी अनुमति पंजाब DGP से ली जाती है तो अब ये सवाल उठता है कि-
अनुमति के बाद आखिर सड़क मार्ग पर इतने किसान एकजुट कैसे हो गए ?
प्रधानमंत्री मोदी के रूट के बारे में जानकारी प्रदर्शनकारियों को कैसे मिली?
काफिले में चल रही अपनी कारों में मुख्य सचिव और डीजीपी क्यों नहीं बैठे?
जब पीएम को रूट से गुजरना था तो प्रदर्शनकारियों को समय रहते क्यों नहीं हटाया गया?
सुरक्षा में सेंधमारी कर कैसे बाहरी लोग नारेबाजी करते हुए पीएम की कार तक पहुंचे?
हालांकि नारेबाजी करते हुए भाजपा के समर्थक भी बताए जा रहे हैं क्योंकि उनके हाथ में भाजपा का झंडा था और वो मोदी जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे .
साथ में एक और बड़ा सवाल किसान आंदोलन से उपजे संवेदनशील माहौल में सड़क पर पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं थी?
हालांकि यह सवाल सिर्फ पंजाब सरकार प्रशासन से नहीं पूछे जाएंगे यह सवाल एसपीजी से भी किए जाएंगे कि आखिर इंटेलिजेंस की असफलता का क्या मामला बनता है?
एसपीजी रूल मैन्युअल के मुताबिक प्रधानमंत्री के दौरे की सारी व्यवस्था एसपीजी के अफसर करते हैं राज्य सरकार उन्हें लॉजिस्टिक मुहैया करवाता है?
प्रधानमंत्री के मोदी दौरे से पहले केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अफसर हालात का जायजा लेते हैं क्या इन अफसरों ने पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन की जानकारी एसपीजी को मुहैया नहीं कराई थी?
पीएम के फिरोजपुर दौरे पर जाने से पहले एसपीजी सुरक्षा में लगी एजेंसियों को मौसम की जानकारी नहीं थी, पीएम मोदी को इतने खराब मौसम के बावजूद क्यों जाने दिया गया?
कई सवाल उठने के बाद अब जवाब राज्य सरकार को देना है केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है साथ ही गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान आया उन्होंने कहा है कि जवाबदेही तय की जाएगी.
इस पूरे मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश में भी राजनीति गर्म हो चुकी है मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का इस्तीफा मांगा है उन्होंने कहा कि सीएम चन्नी सुरक्षा के लिए खतरा है तो वहीं पीसी शर्मा ने मामले पर कहा कि अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो देश के गृहमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. लगता है गृहमंत्री और प्रधानमंत्री की आपस में पट नहीं रही है क्योंकि हाल ही में सतपाल मलिक द्वारा इसका खुलासा किया गया है. सुरक्षा के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कहते हैं कि PM का कोई भी रूट एसपीजी तय करता है व सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हीं की होती है कोई गड़बड़ी हुई है तो इसका पूरी असफलता का केंद्र, केंद्र सरकार है.
वहीं सीएम शिवराज ने कहा कि क्या कांग्रेस, कांग्रेस की सरकार ,क्या गांधी परिवार PM से इतनी नफरत करता है की PM की सुरक्षा से खेला जाए. भगवान को धन्यवाद कि उनका जीवन सुरक्षित है अन्यथा सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
तो देखना होगा पंजाब चुनाव और अन्य राज्यों के चुनाव में आखिर यह मामला क्या सुरक्षा तक ही सीमित रहता है या इसके अलावा अन्य कोई मायने निकाले जाते हैं.