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दुष्कर्मियों के ज़हन में खौफ पैदा करना ज़रूरी,महाधिवक्ता ने कहा जेल में दुष्कर्मियों के हालत पर बनाई जाए फिल्म

इंदौर :-दुष्कर्म जैसे घृत्य अपराध आये दिन बढ़ते जा रहे हैं,प्रतिदिन रेप की संख्या में इजाफा हो रहा है। बढ़ते अपराध को देखते हुए हाईकोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान चिंता जताते हुए कहा कि :-इस जघन्य अपराध को खत्म करने के लिए जेल में हो रहे दुष्कर्मियों के हालात पर फिल्म बनाई जानी चाहिए ताकि फिल्म को देखकर अपराधियों के ज़हन में डर पैदा हो। 
इंदौर खंडपीठ के एक मामले में दोषी की फांसी की सजा यथवत रखने या नहीं रखने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ही महाधिवक्ता ने गंभीर चिंता जतायी। ऐसी मामलो को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने पूछा की आखिर ऐसी घटनाओं को जड़ से कैसे खत्म किया जाए ?
हाईकोर्ट में नियुक्त न्यायमित्र अविनाश सिरपुरकर ,अतिरिक्त महाधिवक्ता रवींद्रसिंह छाबड़ा ने कहा कि दुष्कर्मियों के जेल के हालत पर शार्ट फिल्म बनाई जाये और जिस तरह सिनेमा शुरू होने के पहले सिगरेट शराब के दुष्परिणाम दिखाए जाते हैं उसी प्रकार इन शार्ट फिल्मों को पहले प्रदर्शित किया जाये ताकि सारी जनता ऐसे देखे और सबक ले। ऐसा जघन्य करने से पहले सोचे। उनका मानना है कि ऐसा करने से ऐसे घिनौने अपराध में शायद कमी आ सकती है। 

हत्या के आरोपी को मिली फांसी की सजा पर हुई सुनवाई पूरी – 
इंदौर के द्धारकापुरी क्षेत्र में मुँहबोली भांजी से दुष्कर्म व हत्या करने वाले आरोपी हनी अठवाल को पिछले दिनों अपर सत्र न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई थी। हनी ने सजा निरस्त करने की मांग थी। इसके बाद मामला हाईकोर्ट गया था ,हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और फांसी देने या नहीं देने का फैसला सुरक्षित रख  लिया है। 
कोर्ट का कहना है कि आरोपी आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया वह रोती बिलखती रही पर फिर भी उसी वक़्त उसे मार डाला। सभी सबूत आरोपी के खिलाफ हैं। सरकार ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने फैसले लेने में कोई गलती नहीं की है। 

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