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डही :- तहसील मुख्यालय पर नहीं है मुक्ति वाहन, करना पड़ रहा है मुसीबतों का सामना 

डही :- तहसील मुख्यालय पर नहीं है मुक्ति वाहन, करना पड़ रहा है मुसीबतों का सामना 

डही/मनीष आमले :-  तहसील मुख्यालय होने के बावजूद भी नागरिकों को अति आवश्यक सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है। जानकारी के अनुसार आदिवासी बाहुल्य मुख्यालय होने के साथ ही डही नगर परिषद मुख्यालय भी है। लेकिन नगर के मान से सुविधाएं नहीं मिल रही है।वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डही के पास भी स्वयं का शव वाहन नहीं है। जबकि तहसील की आबादी लगभग एक लाख 15 हजार के  वाले विकास खण्ड के पास शव वाहन नहीं है। शव वाहन ना होने से शव को लाने ले जाने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। डही तहसील 62 गांव जिसमे से 46 पंचायत  है। तहसील मुख्यालय से आदिवासी अंचल के गांव की दूरी 15 से 20 किलो मीटर है। लेकिन बड़ी तहसील होने के तथा गांवों की दूरी अधिक होने के चलते शव वाहन की अति आवश्यकता आवश्यक रुप से है।

शव वाहन की दरकार : –

कई दफा गांवों में होने वाले विवाद की स्थिति किसी की मौत हो जाने पर पुलिस को पीएम कराने के लिए शव को नगर के अस्पताल तक लाने के लिए मशक्कत करना पड़ती है। गांव में किसी के ट्रैक्टर ट्राली  या पिकप मांग कर शव को लाना पड़ता है। कई दफा तो बैलगाड़ी से शव को लाना पड़ता है।इसके अतिरिक्त सर्पदंश के शिकार होकर मौत के मामले में भी शवों को निजी वाहन से  पीएम के लिए लाना लें जाना पड़ता है।।

इनका कहना है

नगर में शव वाहन की कमी होने के कारण समाज को अंतिम संस्कार हेतु बड़े कठनाइयों का सामना करना पड़ता है, इस विषय को लेकर परिषद के समस्त सदस्यों व अधिकारीयो से विषयांतरगत चर्चा की गई है।निकट भविष्य में व्यवस्था पूर्ण की जाएगी।

कैलाश कन्नौज
अध्यक्ष नगर परिषद डही

इस समस्या का निदान करने हेतु पहल की जा रही है निकट भविष्य में इस समस्या का निदान अतिशीघ्र होगा।–

रेखा गोपाल माहेश्वरी उपाध्यक्ष नगर परिषद डही

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