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देखें Video सीधी बस हादसा : चश्मदीद बोले कुलाटी खाई बस और नहर में समा गई, चीखते चिल्लाते रहे लोग

सीधी से सत्येंद्र तिवारी और शशांक तिवारी की रिपोर्ट – मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह यात्रियों से भरी बस बाणसागर नहर में समा गई। इस दर्दनाक हादसे में बस में सवार 47 लोगों की अभी तक मौत हो गई है। वही सात अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। मृतकों में 23 पुरुष, 22 महिला और 2 बच्चे शामिल हैं।  

 

 

बेटी की आंखों के सामने मां डूबी, ससुर के सामने बहू और पोते की मौत

घटना की चश्मदीद गवाह और हादसे में बची रामपुर नैकिन की वार्ड 12 निवासी स्वर्ण लता द्विवेदी (23) ने बताया कि वह अपनी मां विमला द्विवेदी (60 )के साथ बस में सवार होकर सतना नरसिंह का एग्जाम देने जा रही थी। वह गेट के पास खड़ी थी और मां ड्राइवर के पास वाली सीट में बैठी। अचानक बस अनियंत्रित हुई और कुलाटी खाने के बाद नहर में समा गई। मुझे सिर्फ लोगों की चीखें सुनाई दे रही थी। मेरी आंखों के सामने मेरी मां पानी में डूब गई। किसी ने रास्ता फेंका जिसके सहारे में किसी तरह नहर से बाहर आ गई। रामपुर नैकिन के वार्ड नंबर साथ में रहने वाले सुरेश गुप्ता (58) अपनी बहू पिंकी गुप्ता (24) और पोते अथर्व (2) को साथ लेकर नागौद जा रहे थे। उन्होंने बताया कि बस जब नहर में गिरी तो वहां पानी ही पानी नजर आ रहा था सब चिल्ला रहे थे। पानी पानी के बहाव के बीच में कैसे बाहर निकला मुझे इसका पता ही नहीं चला। इस दर्दनाक हादसे में उनकी बहू और पोते की मौत हो गई। हादसे के बाद अथर्व के पिता अनिल गुप्ता का रो रो कर बुरा हाल था परिवार के लोग उन्हें संभाल रहे थे। लेकिन वे संभाले नहीं संभल रहे थे।

 

 

भाई सामने डूबता रहा मैं कुछ ना कर सकी, अभी भी उसका पता नहीं

सीधी की विभा प्रजापति (25) अपने भाई दीपेश प्रजापति के साथ नर्सिंग का एग्जाम देने सतना जा रही थी। विभा ने बताया कि अचानक बस अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई मेरी आंखों के सामने मेरा भाई पानी में डूब गया और मैं कुछ कर ना सकी। अपने आप को संभाल कर और रोते हुए विवाह ने बताया कि अभी भी मेरे भाई का पता नहीं चला है। 

देखें Video

https://youtu.be/D1Tmx97bPx8

बस में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे, कई एग्जाम देने जा रहे थे

हादसा रामपुर नैकिन के पास सरदा गांव में हुआ। यह जगह सीधी से 80 किलोमीटर और सतना से करीब 100 किलोमीटर दूर है। बस सुबह 6 बजे सीधी से रवाना हुई थी। इसमें 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन ड्राइवर ने 60 से ज्यादा लोग भर लिए थे। इनमें ज्यादातर सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे। 12 लड़के-लड़कियां रेलवे, NTPC और नर्सिंग का एग्जाम देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ इस बस में सवार हुए थे।

 

 

32 सीटर बस में सवार थे 60 लोग, अधिकतर लड़कियां नर्सिंग एग्जाम देने जा रही थीं

हादसा रामपुर नैकिन के पास सरदा गांव में हुआ। यह जगह सीधी से 80 किलोमीटर और सतना से करीब 100 किलोमीटर दूर है। बस सुबह 6 बजे सीधी से रवाना हुई थी। इसमें 32 लोग बैठाए जा सकते थे, लेकिन ड्राइवर ने 60 से ज्यादा लोग भर लिए थे। इनमें ज्यादातर सीधी और सिंगरौली जिले के रहने वाले थे। बस में सवार अधिकतर लड़कियां नर्सिंग का एग्जाम देने सतना और वहां से रीवा जाने के लिए अपनी मां या पिता के साथ इस बस में सवार हुए थे।

बस में सवार ही यह लोग अभी भी लापता

जानकारी के मुताबिक बस में सवार 7 लोग अभी भी मिसिंग है। इनका अभी भी कुछ भी पता नहीं चल सका है एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुधवार सुबह फिर नहर में रेस्क्यू करेंगी और लापता लोगों को खोजने का काम शुरू होगा। बस में सवार अरविंद, दीपेश प्रजापति, खुशबू पटेल, योगेंद्र शर्मा, रमेश विश्वकर्मा, सौम्या गौंड, स्वाति प्रजापति अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

 

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग लोगों की मजबूरी बन गया है और इसमें लगातर ख़तरे की आशंका बनी रहेंगी….क्योंकि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या यहां अच्छी रोड़ नहीं है। बिल्कुल दुर्घटना का ख़तरा बारह महीने बना रहेगा, उन्होंने बताया कि यहां एक चुईया घाटी है, जिसमें एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है, ऊपर से यहां क्षेत्र की फैक्ट्री जमकर नेताओं को चंदा देती है, और पूरी पहाड़ी में ओवर लोडेड वाहन चलते है। बेख़ौफ़ यह ऐसा ही चलता रहता है। नागरिकों ने कहा कि यदि जिस दिन चुइया घाटी में बड़ी दुर्घटना होगी उस दिन यह सबसे बड़ी दुर्घटना होगी, क्योंकि न वहा सुरक्षा है न लाइट की व्यवसथाएं है। 

हादसे में इन लोगों की हुई मौत

विमला द्विवेदी पति रामसुमिरन द्विवेदी, प्रिया तिवारी पिता राजेन्द्र तिवारी, निमेश तिवारी पिता बुद्धसेन तिवारी, जगमोहन साकेत पिता विंदर साकेत, श्यामलाल साकेत पिता अयोध्या साकेत, हीरालाल शर्मा पिता श्यामलाल शर्मा, लक्ष्मी पनिका पिता रामायण पनिका, अमरज्योति पिता रामसुख साकेत, राजेन्द्र द्विवेदी पिता बैजनाथ द्विवेदी, रामसुख साकेत पिता जेठू साकेत, सुशीला प्रजापति पिता पुष्पराज, अथर्व कुमार गुप्ता पिता अनिल गुप्ता, पिंकी गुप्ता पिता अनिल गुप्ता, रीना तिवारी पिता विजय तिवारी, सुमित्रा कोल पिता शिवनाथ कोल, जगदीश प्रसाद गुप्ता पिता रामनाथ गुप्त, अशोक कुमार तिवारी पिता रामभिलाष, अनिल त्रिपाठी पिता पारसनाथ त्रिपाठी, कल्याण सिंह पिता पदुमनाथ यादव, कविता यादव पति जीवेन्द्र यादव,  अनिल पटेल पिता अयोध्या पटेल, तपस्या पनिका पति अजय पनिका, अवधेश प्रजापति पिता राममणि, विमला प्रजापति पति राजेन्द्र प्रजापति, राजकुमार पिता सुखलाल प्रजापति, यशोदा विश्वकर्मा पति दादूलाल विश्वकर्मा, कोमल सिंह पिता नवल सिंह, अनिल पटेल पिता नारायण पटेल, राघवेन्द्र तिवारी पिता रामसुफल तिवारी, राजवती सिंह पिता छोटेलाल सिंह, प्रियंका सिंह पिता प्रमोद कुमार सिंह, मनमोहन बैगा पिता साधू बैगा, अयोध्या पाल पिता सुदामा पाल, शिवभान पाल पिता तीरथ पाल, प्रदीप कुमार यादव पिता लक्षिमन यादव, दिग्विजय सिंह चंदेल पिता प्रतिपाल सिंह, अंकिता तिवारी पिता अशोक तिवारी, सुषमा सिंह पति धर्मराज सिंह, अजय कुमार पनिका उर्फ राहुल पिता राम, राजकली पति विश्वनाथ यादव, विश्वनाथ पिता रामपती यादव, पुष्पराज प्रजापति पिता इन्द्रपति, सोमबाई सिंह पिता गंगा सिंह गोंड़, आशा सिंह, सविता बैगा पति अंशुमान बैगा, सुरेखा कोल पिता रमेश्वर कोल, नम्रता यादव पिता विश्वनाथ यादव शामिल हैं।

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