जेलर को महंगा पड़ा पंगा, रामबाई का चला डंडा:
- रामबाई सिंह एक बार फिर आईं सुर्ख़ियों में
- राजनीतिक दबाव में हुआ था जेलर का ट्रांसफर
- रामबाई ने चालू किया था जेलर के खिलाफ मोर्चा
भोपाल/पथरिया : एक बार फिर चर्चे में आ रही हैं पथरिया से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की एक मात्र विधायक रमाबाई सिंह। हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाली रामबाई एक बार फिर सामने आ रही हैं। हम आपको बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी एक बार और हत्या के मामले में पति का नाम आने पर रामबाई ने हंगामा किया था। उसके बाद अभी कुछ समय पहले ही रामबाई ने बीजेपी पर कांग्रेस से समर्थन वापस लेने के लिए प्रलोभन देने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि बीजेपी ने एक व्यक्ति को 50-60 करोड़ रुपए देने की बात कही थी।
इस बार मामला दमोह जेलर के ट्रांसफर का है, दमोह जेलर का ट्रांसफर कर दिया गया है। दमोह जेल में रामबाई सिंह का देवर और भतीजा ह्त्या के केस में कैद हैं। उन दोनों की वजह से जेलर ने जेल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की थी और शायद यही मांग उस जेलर पर भारी पड़ चुकी है।
क्यों हुआ जेलर का ट्रांसफर :
जेलर रामलाल सहलाम को ट्रांसफर करके जेल मुख्यालय के प्रशिक्षण शाखा भेज दिया गया। जेलर रामलाल का शायद सिर्फ एक ही गुनाह था की उन्होनें विधायक के देवर और भतीजे की वजह से जेल की सुरक्षा को ख़तरा बताया था और उन दोनों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की मांग भी की थी। जेलर रामलाल का कहना है की विधायक के भतीजे और देवर जेल में उत्पात मचाते हैं जिस कारण जेल की सुरक्षा को ख़तरा मालूम होता है। लेकिन उनको क्या पता था विधायक के परिवार पर आवाज उठाने की वजह से उनका खुद का ही ट्रांसफर हो जाएगा।
रामबाई ने किया था मोर्चा :
अब दमोह जेल के नए जेलर एन एस राणा हैं। कहा जा रहा है कि जेलर का ट्रांसफर राजनीतिक दबाव में हुआ है, हालांकि विधि मंत्री पी सी शर्मा का कहना है कि ट्रांसफर करने का अधिकार सीएम के पास है ना की रामबाई के पास तो ट्रांन्स्फेर एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन हाँ ये बात तो सच है जब विधायक के भतीजे और देवर की मनमानी जेल मैं नहीं चल पाई तो रामबाई ने जेलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और साथ ही रामबाई तो कई बार जेल मंत्री बाला बच्चन से भी मिलती थीं।