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MP में नकली और मिलावटी दवाओं की बिक्री का मामला : हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में मांगा जवाब

भोपाल : कोरोना काल के दौरान और कोरोना काल से पहले नकली और मिलावटी दवाओं के कई मामले मध्यप्रदेश से सामने आए, लेकिन इसको लेकर कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया। बता दे कि कोरोना संकटकाल के दौरान नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन और दवाओं के कई मामले देखें गए। वहीं, इसी दौरान प्रशासन ने भी कार्यवाई करते हुए कई गिरहों को अपनी गिरफ़्त में लिया। 

इसी बीच अब इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2016 से 2020 के बीच दर्ज मामलों की संख्या पर राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। 

इस पुरे मामले में याचिकाकर्ता नित्यानंद मिश्रा ने बताया कि ‘‘पिछले 10-15 साल में नकली और मिलावटी दवाओं की बिक्री का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है और न ही इस संबंध में प्रदेश में कोई छापा मारा गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से आरटीआई के एक जवाब में यह खुलासा हुआ है। 

याचिकाकर्ता नित्यानंद मिश्रा ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति वीके शुक्ला की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से ड्रग इंस्पेक्टरों के रिक्त पदों की ताजा स्थिति भी बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान इन दो मुद्दों पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय की मांग करने वाले सरकारी वकील की अपील को मंजूर किया था। 
 

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