सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर एक नया शोध हुआ जारी ,सिंघु घाटी सभ्यता के मिट्टी के बर्तनों पर हुआ शोध
सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर एक नया शोध हुआ जारी ,सिंघु घाटी सभ्यता के मिट्टी के बर्तनों पर हुआ शोध
- दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता है सिंधु घाटी सभ्यता
- सिंधु घाटी के लोग कैसे अपना जीवन यापन करते थे
- कैम्ब्रिज यूनिवर्सटी से पुरातत्व-विज्ञान में पीएचडी
- अब फ्ऱांस में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो ए सूर्यनारायण ने सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान लोगों के खान-पान के तौर-तरीक़ों पर शोध किया है
द लोकनीति डेस्क भोपाल
एक हालिया शोध में बताया गया है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मोटे तौर पर मांसभक्षी थे. वे गाय, भैंस और बकरी के मांस खाते थे. सिंधु घाटी क्षेत्र में मिले मिट्टी के बर्तन और खान-पान के तौर-तरीक़े इस शोध के आधार हैं.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सटी से पुरातत्व-विज्ञान में पीएचडी और अब फ्ऱांस में पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो ए सूर्यनारायण ने सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान लोगों के खान-पान के तौर-तरीक़ों पर शोध किया है. उनका शोध आर्कियोलॉजिकल साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
सिंधु घाटी के लोगों की जीवन-शैली के बारे में हालांकि कई अध्ययन हो चुके हैं, लेकिन इस शोध में मूल रूप से उस क्षेत्र में उगाई गई फसलों पर फोकस किया गया है.
समग्र रूप से इस शोध में फसलों के साथ मवेशियों और लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. वैज्ञानिक विधि से इन बर्तनों की पड़ताल बताती है कि प्राचीन भारत के लोग उनमें क्या खाते-पीते थे.
सिंधु घाटी सभ्यता की फसलें
- सिंधु घाटी सभ्यता में जौ, गेहूं, चावल के साथ-साथ अंगूर, खीरा, बैंगन, हल्दी, सरसों, जूट, कपास और तिल की भी पैदावार होती थी.
- पशुपालन में गाय और भैंस मुख्य मवेशी थे. इलाक़े में मिले हड्डियों के 50-60 प्रतिशत अवशेष गाय-भैंस के हैं जबकि लगभग 10 प्रतिशत हड्डियां बकरियों की हैं.
- इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि लोगों का पसंदीदा मांस बीफ़ और मटन रहा होगा.
- गाय को दूध के लिए जबकि बैल को खेती के लिए पाला जाता था.
- हालांकि खुदाई में सूअर की हड्डियां भी मिली हैं, लेकिन सूअर किस काम आते रहे होंगे, ये अभी स्पष्ट नहीं है. कुछ अवेशष हिरण और पक्षियों के भी मिले हैं.
- इस शोध के लिए हरियाणा में सिंधु सभ्यता के स्थल राखीगढ़ी को चुना गया. आलमगीरपुर, मसूदपुर, लोहारी राघो और कुछ अन्य जगहों से मिले मिट्टी के बर्तनों को भी एकत्र किया गया.
इन बर्तनों से सैंपल लिए गए और वैज्ञानिक विधि से विश्लेषण से पता चला कि उनमें पशुओं का मांस खाया जाता था.