सिहोरा : बिजली विभाग का कारनामा घरेलू फीडर को बना दिया कृषि फीडर, गांव को कर दिया बिजली विहीन

सिहोरा : बिजली विभाग का कारनामा घरेलू फीडर को बना दिया कृषि फीडर, गांव को कर दिया बिजली विहीन
- हिनोतिया गांव का मामला संबंधित अधिकारी बने अनजान जनप्रतिनिधि बेफिक्र
- विकास के दावों की खुली पोल
द लोकनीति डेस्क सिहोरा
जहां एक ओर प्रदेश की सरकार द्वारा गांव के समग्र विकास के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन गोसलपुर कस्बा बस्ती से तीन किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में आजादी के सात दशक बाद भी घरेलू विद्युत लाइन न होने से हकीकत के आईने में विकास के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि विकास के नित नए भूमि पूजन लोकार्पण कर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का दंभ भरते हैं, लेकिन आम आदमी के जीवन में बिजली, पानी, सड़क जैसी अहम जरूरत में शामिल बिजली की समस्या का समाधान करने की किसी भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि ने जहमत नहीं जुटाई। ग्रामीणों की माने तो उन्होंने बताया की हमेशा चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं, वादा करके चले जाते हैं इसके बाद उक्त समस्या के संबंध में किसी का ध्यान नहीं जाता।
विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से बदल दिया फीडर
सिहोरा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत खजुरी का पोषित गांव हिनोतिया जो की विद्युत वितरण केंद्र गोसलपुर से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहा पर ग्रामीणों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाते हुए विद्युत विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से घरेलू विद्युत फीडर को कृषि विद्युत फीडर बना दिया गया और गांव को घरेलू बिजली से विहीन कर दिया। ग्राम के लक्ष्मण पटेल अनिल राजभर, अर्जुन राजभर, विजय राजभर, जततू राजभर, हेमंत पटेल, सुमंत पटेल ,सुशील राजभर, पार्वती बाई मुन्नीबाई, राजभर ने बताया की इस गांव में 17 परिवार लगभग 100 वर्षों से निवास कर रहे हैं इस गांव की आबादी 70 के आसपास है। यह गांव ग्राम पंचायत खजरी के अंतर्गत वार्ड नंबर 8 में समाहित है। लोगों ने बताया की इस गांव में पहले घरेलू बिजली थी लोगों के घरेलू विद्युत कनेक्शन रिकार्ड में आज भी है, जिनके बकायदा बिजली बिल प्रतिमाह आ रहे हैं।
विभक्तिकरण योजना के नाम पर कृषि लाइन दौडा दी गई
परंतु वर्ष 2014 -15 मे विद्युत मंडल के आला अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से गांव व कृषि की विद्युत विभक्तिकरण योजना के नाम पर गांव के घरेलू कनेक्शनों के लिए लगे विद्युत पोल व तारों पर कृषि लाइन दौडा दी गई , जिससे हिनौतिया गाँव विद्युत विहीन गांव की श्रेणी में शामिल हो गया मजबूरी में कुछ दिन इस गांव के बाशिंदों को कृषि लाइन से कनेक्शन करके अपने घर में उजाला करना पड़ा। ज्ञात हो की कृषि लाइन से 10 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाती है जिससे इन परिवारों को महज 24 घंटों में 10 घंटे ही बिजली मिल पाती थी मजबूरी में इन गांव वालों को डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित खजुरी गांव से घरेलू कनेक्शन अपने स्वयं के खर्चे से बांस बल्ली गड़ा कर स्वयं के जुगाड़ से तार खींचकर विद्युत व्यवस्था करना पड़ी।
अधिकारियोंऔर जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का जीता जागता उदाहरण
लोगों का कहना है की हम लोगों के काफी वर्षौ पुराने विद्युत कनेक्शन है, जिसके बिजली बिल आज भी आ रहे है परंतु विद्युत मंडल के द्वारा गांव में पूर्व से लगे तार बिजली खंभों को घरेलू से कृषि में कन्वर्ट कर दोबारा इस गांव के लिए घरेलू लाइट ना खींचा जाना एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। जहां एक ओर मध्यप्रदेश शासन के विद्युत विभाग द्वारा दूरस्थ ग्रामीण मजरो टोलो तक मे शासन की अनेक विद्युतीकरण योजनाओं के तहत गांव गांव घर घर बिजली पहुंचाने का अभियान चला रहा, वही इन तमाम अभियानों से इस गांव के बाशिंदे वंचित रह गए। निश्चित रूप से यह विद्युत मंडल के आला अधिकारियों की अनदेखी व जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का जीता जागता उदाहरण है।
यह है पेच….इस संबंध में जानकारों का कहना है की विद्युत कनेक्शन रिकॉर्ड में होने के कारण यह विद्युत विहीन गांव होते हुए भी रिकॉर्ड में विद्युत पहुंच गांव दिख रहा है. जबकि वास्तविकता यह है की इस गांव को सात वर्ष पूर्व विद्युत विहीन गांव कर दिया गया। जिसका सर्वे मौके पर आला अधिकारी स्वयं जाकर कर सकते हैं। स्थानीय रहवासियों ने हिनोतिया गांव में शीघ्र नई विद्युत लाइन खींच कर गांव में घरेलू बिजली पहुंचाने की मांग की है ।
ग्रामीणों को किया जा रहा भ्रमित
ग्राम के बाशिंदों का कहना है की गांव के स्थानीय लाइनमैन द्वारा हमेशा यह बोला जाता है की हिनोतिया गांव में घरेलू विद्युत लाइन स्वीकृत हो गई है शीघ्र ही नई लाइन लगाई जाएगी परंतु स्थानीय लाइनमेन के मुंह से यह बात सुन सुन गांव वालों का मन भर चुका है। अनेक वर्षों से यह रटी रटाई बात सुन सुन कर गांव वाले थक चुके हैं।
इनका कहना
आपके द्वारा मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है मैं शीघ्र ही वस्तुस्थिति का पता कर सर्वे कराकर प्रस्ताव तैयार करके शीघ्र ही जिला मुख्यालय को प्रेषित करूंगा।
ए. प्रशांत सिंहा, कनिष्ठ यंत्री गोसलपुर