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पुणे और कोल्हापुर से जबलपुर आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन दो हजार यात्रियों को लेकर

मध्यप्रदेश/जबलपुर(Jabalpur) -:  महाराष्ट्र(Maharashtra) के पुणे(Pune) और कोल्हापुर(Kolhapur) से मध्यप्रदेश(Madhyapradesh) के यात्रियों को लेकर 2  स्पेशल ट्रेन जबलपुर पहुंचीं। दोनों ट्रेन में लगभग 2 हजार से ज्यादा यात्री सवार थे। कोविड-19 (Covid-19 ) वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के यात्रियों की जांच करने जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नबर  6 पर 2  स्क्रीनिंग मशीन लगाई गई, जिसके सामने से बारी-बारी कर यात्री गुजरते रहे। आरपीएफ (RPF)और जीआरपी(GRP) के जवानों ने  दो से तीन घंटे तक दो हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की, लेकिन एक भी यात्री का तापमान अधिक नहीं आया।  श्रमिक स्पेशल ट्रेन में कुछ ऐसे युवा और उनके परिजन भी शहर लौटे जो पुणे में कई दिनों से फंसे हुए थे।

जांच प्रक्रिया सख्त, बस में बैठने लगे तीन घंटेः

प्लेटफार्म नंबर 6 पर आई 2 श्रमिक स्पेशल ट्रेन में से पहली स्पेशल पुणे से आई, वहीं दूसरी स्पेशल ट्रेन कोल्हापुर से आई। पुणे स्पेशल ट्रेन से 811 यात्री जबलपुर आए। मजदूर से लेकर नौकरी पेशा युवा, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। इधर कोल्हापुर से आई स्पेशल में 1214 यात्री थे, जिसमें हर वर्ग के लोग रहे। रेलवे ने इन यात्रियों की जांच के लिए सख्त प्रक्रिया बनाई है, जिस वजह से इन्हें प्लेटफार्म पर उतरने से लेकर बस में सवार होने तक में 2 से 3   घंटे का समय लगा।

जीआरपी के थाना प्रभारी मंजीत सिंह(Manjit singh) ने कहा कि स्पेशल ट्रेन से आए लगभग 2 हजार यात्रियों में जबलपुर के अलावा मध्यप्रदेश के 18 से 19 जिलों के यात्री थे। इनमें सतना, कटनी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, सागर, पन्ना, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी के यात्री थे, जिन्हें मुख्य रेलवे स्टेशन से 52 बसों की मदद से इनके गृह जिले भेजा गया। इस दौरान स्पेशल ट्रेन में बिहार के भागलपुर के 35 मजदूर जबलपुर आए, उनको पहले से यह कह दिया था कि जब बिहार की ओर जाने वाली ट्रेन आएगी तो उन्हें उसमें बैठा दिया जाएगा, लेकिन फिर बाद में इन्हें सिंगरौली जा रही बस में बैठा दिया गया, जहां इन्हें बिहार की बार्डर तक पहुंचा दिया जाएगा।

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