देश के लिए कुर्बान हुआ सतना का लाल, दो आतंकियों को ढेर कर, जन्म दिन पर दिया देश को शहादत का तोफा
- जम्मू के शॉपिया में आतंकी हमले में आतंकियों से लड़ते हुए 24 वर्षिय कर्णवीर सिंह हुए शहीद
- 48 घंटे बाद पार्थिव शरीर पहुँचेगा गृह ग्राम देव मऊ दल दल।
सतना/प्रियंक केशरवानी:- मध्यप्रदेश के सतना जिला का देव मऊ दलदल सच्चे सपूत के बलिदान से धन्य हो गया ।महज 24 शाल की उम्र में सच्चे सपूत ने अपने जन्म दिन पर देश के लिए अपनी जान का तोफा दे डाला और वतन के लिए कुर्बान हो गया। जी हाँ हम बात कर रहे है सतना के देव मऊ दलदल निवासी कर्णवीर सिंह की जो जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए सहीद हो गया।बताया जा रहा है कि मंगलवार की शुबह करणवीर की तैनाती रोडब्लॉक में लगी हुई थी तभी 4 आतंकियों से भर एक गाड़ी आयी जिसे रोकने पर आतंकियों ने फायर खोल दिया जबावी कार्यवायी में दो आतंकी भी मारे गए लेकिन कर्ण वीर के सर एवम सीने में गोली लगने से उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। रेजिमेंट के एस ओ ने घर पर खबर दी इसके बाद घर मे मौत का मातम पसर गया ।कर्ण वीर अविवाहित था पिता 2017 में 21 वी बटालियन राजपूत रेजिमेंट में उसकी भर्ती हुई थी हाल ही में वह 44 RR(रास्ट्रीय रायफल )डेपुटेशन में शोपिया में पदस्थ था शहीद के पिता भी आर्मी में शुबेदार मेजर से 2017 में सेवा नृवित हुए थे।एक बेटे की शहादत की खबर लगते ही माँ का रो रो कर बुरा हाल है।वही पिता को अपने बेटे की शाहतदत पर फक्र है।
आतंकी हमले में शहीद हुए सतना के लाल के घर अब जिला प्रशासन की टीम ने भी हाल जाना है प्रशासनिक अधिकारी ने अधिकृत जानकारी देते हुए बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर जल्द ही सातना पहुँचेगा जहां उनके ग्रह ग्राम देव मऊ दल दल में रास्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा और प्रदेश सरकार की तरफ से यथा सम्भव आर्थिक मदत भी की जाएगी।
पड़ोसी हो या हम साथी कर्ण वीर की शहादत से आँखे भले ही नम हो पर सभी को गर्व है।महज 24 साल का सपूत देश के लिए लड़ते लड़ते कुर्बान हो गया।
आतंकी हमले में अपने स्कूल के साथी बिछड़ जाने से उनके साथियों रिस्तेदारों में अपने को खो देने का गम है इस लिए पाकिस्तान पर अब उनका आक्रोश फुट रहा है इसी लिए आगामी दिनों के टी 20 मैच से भारत को अलग होने की अपील सरकार एवं रक्षा मंत्री से कर रहे है।
सतना के सच्चे सपूत कर्णवीर ने अपने जन्म दिन पर अपनी माटी का कर्ज अदा कर दिया शोपिया में आतंकियों से लड़ते हुए बहुत ही कम उम्र में देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी।घर मे मातम परिजनों ओऱ साथियों में उसकी शहादत पर गर्व है वही पाकिस्तान एवम अतंजवाद पर आक्रोश भी है।