शराबबंदी पर बवाल : उमा भारती की नाराज़गी के बाद CM ने किया ये बड़ा ऐलान
भोपाल : मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है। सीएम शिवराज ने कहा कि शराब से न केवल परिवार, सेहत व धन बर्बाद होता है बल्कि समाज पर भी विपरीत असर पड़ता है। नशा एक सामाजिक बुराई है और इसे समाप्त करने का कार्य कठिन है। लेकिन सरकार इसे करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश की सरकार हर हाल में लोगों को नशे से मुक्त कराना चाहती है और इसके लिए नशा मुक्ति अभियान चलाएगी। इसके लिये बाकायदा एक अभियान चलाकर इसे लांच किया जाएगा।
सीएम शिवराज के इस ऐलान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट करते हुए ख़ुशी जताई।
उमा भारती ने लिखा की – मुझे खुशी है कि शिवराज जी ने अति शीघ्र सरकार की तरफ से नशा मुक्ति अभियान चलाने की घोषणा कर दी है। मैं सरकार के नशा मुक्ति अभियान का समर्थन करती हूं एवं स्वागत करती हूं। मैं भी इसमें समय समय पर भागीदारी करूंगी। उन्होंने लिखा की – यह सरकार की नीति है कि स्कूल, कॉलेज, मंदिर एवं जहां नागरिकों एवं महिलाओं को आपत्ति हो, के पास शराब की दुकान ना हो। ऐसी जगहों पर खुले अहाते में शराब पिलाना जैसी इन सब बातों पर जहां आपत्ति है उसमें भी सरकार अपनी नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। जिससे महिलाओं और नागरिकों में असंतोष न हो और देवरी जैसे विरोध प्रदर्शन के लिए प्रदेश की बेटियां और शांतिप्रिय नागरिक विवश न हों।
मालूम हो कि उमा भारती ने पहले सीएम शिवराज का जमकर घेराव भी किया था।
उमा भारती ने कहा था कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय मेरे बड़े भाई श्री शिवराज सिंह चौहान जी से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज जी ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे। मैंने शिवराज जी से 2 साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं।
वहीं, उमा भारती की इस नाराज़गी के बाद सीएम शिवराज ने ये ऐलान किया है। हालांकि, इस दौरान शिवराज ने ये भी कहा कि शराबबंदी कोई विकल्प नहीं है क्योंकि जिन राज्यों में शराबबंदी की गई है वहां के हालात भी बेहद खराब है। शिवराज ने यह भी कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने नर्मदा के किनारे नशाबंदी अभियान चलाया था और वहां के आसपास के दायरे में आने वाली शराब की दुकानों को बंद किया था।