जबलपुर के कारखानों में लौटी रौनक, लोगों को मिलने लगा काम
मध्यप्रदेश/जबलपुर(Jabalpur) – : लॉकडाउन(Lockdown) लागू होने के बाद से अब औद्योगिक इकाइयों मे फिर से रौनक लौट आई है। ग्रामीण क्षेत्रों की इंडस्ट्रीज़ को शुरू करने की अनुमति जिला प्रशासन पहले ही दे चुका है, अब नगरीय क्षेत्र की यूनिट्स में भी उत्पादन शुरू हो रहा है। जिले में अभी तक 350 से अधिक इकाइयों को शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इसमें से 200 से ज्यादा इकाइयां अधारताल(Adhartal)और रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में हैं। नगर निगम सीमा से बाहर की यूनिट के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
नगरीय क्षेत्र की यूनिट्स में भी उत्पादन चालू
जिले में चार औद्योगिक क्षेत्रों रिछाई, अधारताल, उमरिया-डुंगरिया और हरगढ़ में 485 उद्योग स्थापित हैं। मनेरी के उद्योगों को मिलाकर इनकी संख्या 570 है। उद्योगपति पीके शर्मा(PK Shrma) ने बताया कि इंडस्ट्री जरूर चालू हो गई हैं, लेकिन कच्चे माल की कमी से पूरी क्षमता से उत्पादन अभी नहीं हो पा रहा है।
3800 कर्मचारियों को मिला काम
अब कहा जा रहा है कि जिले की सभी निजी क्षेत्र की इंडस्ट्रीज़ में करीब 12 हजार लोगों को काम मिला हुआ है। अभी जिन इंडस्ट्रीज़ को शुरू करने की अनुमति मिली है, उनमें 3800 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जबलपुर का नगर निगम क्षेत्र में रेड जोन होने के कारण अभी कई पाबंदियाँ लगी हैं। इसलिए 33% फीसदी ही कर्मचारियों को काम पर अभी बुलाया जा रहा है।
नकदी का संकट
अभी वर्तमान में उद्योगपतियों को नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह परेशानी है विश्वास की कमी।कहा जा रहा है कि पहले जहा कई काम उधारी में चल जाया करते थे, अब वे नकद में हो रहे हैं। कई रॉ मटेरियल विक्रेता पूरे पैसे देने के बाद ही सामान दे रहे हैं। उद्योगपति भी अपने उत्पाद के बदले जल्द भुगतान की उम्मीद कर रहे हैं। इसका कारण पूंजी की कमी है। लम्बे समय से कारखाने बंद होने से पूंजी गतिशील नहीं है। जबकि उद्योगपतियों के वेतन, बिजली बिल, टैक्स आदि के खर्चे पहले के जैसे बने हैं।
300 सौ से अधिक इकाइयों को शुरू करने की अनुमति मिल गई थी। नगर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर की इकाइयों को अनुमति की जरूरत नहीं हैं। इसलिए उत्पादन कर रही इकाइयों की संख्या इससे अधिक है। अति आवश्यक वस्तुओं की इंडस्ट्री टोटल लॉकडाउन के समय भी चल रही थीं।
देवब्रत मिश्रा, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र