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हाईकोर्ट का कमलनाथ को दो टूक ;स्वतंत्रता सेनानी की तस्वीर वाली नोटबुक का वितरण कोई अपराध नहीं

रतलाम सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल आरएन केरावत को निलंबित करने का मामला ने तूल पकड़ा था।  राज्यसरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था क्योंकि उन्होंने एक समाज सेवी संगठन की नोटबुक बांटने की मुहिम को इजाजत दी थी। जिस पर विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर छपी थी।13 जनवरी को आरएन केरावत को सस्पेंड कर दिया गया था।  शिवराज सिंहचौहान,गोपाल भार्गव कैलाश विजयवर्गी इस मामले में कूद पड़े भाजपा का मौजूदा सरकार पर आरोप था कि क्या सिर्फ सावरकर का फोटो लगा हुआ नोटबुक बांटने पर आपने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया, सावरकर के नफरत में आप कितने अंधे हो गए हैं!
निलंबन के विरुद्ध में प्रिंसिपल आरएन केरावत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां हाई कोर्ट सिंगल जज जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने निलंबन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। जस्टिस शर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार की पैरवी कर रहे वकील ने बताया कि प्रधानाचार्य के निलंबन का आदेश एक अपील योग्य आदेश है, लेकिन तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता को केवल इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि एक एनजीओ द्वारा स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी की तस्वीरों वाली नोटबुक को वितरित किया गया था। प्रथम दृष्टया में यह आदेश कानूनन गलत जान पड़ता है। स्वतंत्रता सेनानी की तस्वीर वाली नोटबुक वितरित की गई है तो यह निश्चित रूप से कोई गुनाह नहीं है।

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