रायसेन : मोदी सरकार के पास जो कलाकार बैठे हैं वह किसान नहीं है : राजेन्द्र कुमार

रायसेन : मोदी सरकार के पास जो कलाकार बैठे हैं वह किसान नहीं है : राजेन्द्र कुमार
किसान जागृति संगठन ने रैली निकालकर राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन
रायसेन से अमित दुबे की रिपोर्ट : –
रायसेन -किसान जागृति संगठन ने जिला मुख्यालय पर कृषि उपज मंडी से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ किसान विरोधी नीति को लेकर नारे भी किसानों ने लगाएं। वहीं महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। किसान जागृति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र रज्जु भैया ने कहा कि यह किसान बिल अध्यादेश काला कानून है जो लागू किया गया है और हम इसका विरोध करते हैं। किसान की उपज का सही दाम नहीं मिल पाएगा इसीलिए आज हम ने रैली निकालकर मोदी सरकार के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। वहीं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास जो कलाकार बैठे हैं वह किसान नहीं है और उनको इसका थोड़ा बहुत भी ज्ञान नहीं है अगर उनके पास ज्ञान होता तो वह इस बिल को लागू नहीं कराते और यह विरोध निरंतर जारी रहेगा जब तक यह बिल रद्द नहीं किया जाता यह लोग क्या जाने किसान का दर्द क्या होता है। जो लोग एसी में बैठते हैं वह किसान की कीमत नहीं जानते इन लोगों ने जो बिल बनाया है वह तत्काल रद्द किया जाए। इस अवसर पर संगठन प्रमुख इरफान जाफरी, कुबेर सिंह लोधी किसान जागृति के अनेक किसान उपस्थित हुए।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि केंद्र सरकार के 3 नए कानून से किसान और उसकी उपज व खाद्य बाजार पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कब्जा हो जाएगा। जिससे किसान मालिक से मजदूर बन जाएंगे, कृषि उपज मंडी समाप्त हो जाएगी, कृषि से संबंधित उद्योग छोटे दुकानदार एवं कृषि बाजार बुरी तरह प्रभावित होगा। वहीं खाद्य पदार्थ पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कब्जे के कारण आम उपभोक्ताओं को अनाज, दाल, तेल, फल,सब्जी एवं खाद्य उत्पाद कई गुना महंगे दामों पर प्राप्त होगा जिसके कारण आम उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ आ जाएगा जिससे उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। वहीं किसानों एवं देश की जनता भी हित में यह काला कानून रद्द करें।
यह कानून करें लागू:-
समर्थन मूल्य गारंटी कानून सभी किसान ने कहा कि किसानों के हित में कृषि उपज की सभी फसलों के लिए समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाया जाए। जिससे किसान को उसकी उपज का सही दाम प्राप्त हो सके। किसानों को अपनी उपज कम दर पर ना बेचना पड़े। किसान का अधिक शोषण होने से बचाया जा सके, जिससे यह काला कानून रदद् सके और किसानों के हित में नया क्रांतिकारी समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाया जाए।