राहुल के आरोप मोदी के नाम, बोले प्रधानमंत्री देश को बांटने का काम कर रहे हैं

राहुल के आरोप मोदी के नाम, बोले प्रधानमंत्री देश को बांटने का काम कर रहे हैं.
- देश के युवाओं में गुस्सा और डर है, युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा
- युवाओं की आवाज़ को दबाया नहीं जाना चाहिए
- मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही सरकार
- अगर PM में हिम्मत है तो वह बिना पुलिस के किसी भी विश्वविद्यालय में जाकर दिखाएं
- प्रधानमंत्री को साहस के साथ खड़े होकर बेरोजगारी और छात्रों के मामले पर बोलना चाहिए
नई दिल्ली : आयुषी जैन : देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को तमाम विपक्षी पार्टियों ने सीएए-एनआरसी समेत देश के हालातों के मद्देनजर एक बैठक की. इस बैठक के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज युवाओं की जो आवाज उठ रही है उसे लेकर सरकार को सोचना चाहिए और युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा और अर्थव्यवस्था किस तरह से पटरी पर आएगी इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवाओं में गुस्सा और डर है क्योंकि आर्थिक हालात खराब हैं. सरकार रास्ता दिखाने में फेल है इसलिए युवा और किसान तथा विश्वविद्यालय में गुस्सा बढ़ रहा है जिससे ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी. युवाओं की आवाज़ को दबाया नहीं जाना चाहिए.
राहुल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश को बांटकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार मुद्दों का जवाब देने से कतरा रही है. राहुल ने कहा कि देश की जनता समझती है कि मोदी जी अर्थव्यवस्था पर, रोजगार पर फेल हो गए हैं.
राहुल ने कहा कि, हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे पटरी पर आएगी पीएम को इसका जवाब देना चाहिए. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह बिना पुलिस के किसी भी विश्वविद्यालय में जाकर दिखाएं. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के विश्वविद्यालयों में जाएं और युवाओं को बताएं कि वह देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और युवाओं की नौकरियां बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो अवसर भारत के पास था उसे हमने खो दिया है, ये पीएम द्वारा किया गया है, प्रधानमंत्री देश को बांटने का काम कर रहे हैं.
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री को साहस के साथ खड़े होकर बेरोजगारी और छात्रों के मामले पर बोलना चाहिए लेकिन वह पुलिस की मदद से उनकी आवाज़ों को दबा रहे हैं.