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प्यारे मियां यौन शोषण मामला : पुलिस ने लाभ पहुंचाने में संदिग्ध भूमिका निभाई – आयोग रिपोर्ट
मध्यप्रदेश/भोपाल – प्यारे मियां यौन शोषण में अब पुलिस की जांच पर भी सवाल खड़े हुए हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि पुलिस ने आरोपी प्यारे मियां को लाभ पहुंचाने में संदिग्ध भूमिका निभाई हैं। आयोग ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी हैं। साथ ही शासन से ये सिफारिश भी की हैं।
आयोग ने शासन से ये सिफारिश
- शेल्टर होम के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई हो।
- महिला पुलिस अफसर की भूमिका संदिग्ध है, जांच की जाए।
- पास्को कोर्ट में मामला पेश नहीं करने पर अभियोजन के खिलाफ कार्रवाई जरूरी।
- शेल्टर होम में नाबालिगों से अभद्र भाषा बोलने वालों पर कार्रवाई हो।
- आयोग ने एसआईटी टीम से सीएसपी उमेश तिवारी को फौरन हटाने की सिफारिश की हैं।
- एसआईटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट भी आयोग ने मांगी हैं।
शासन को भेजी रिपोर्ट
- शेल्टर होम से 15 जनवरी के सीसीटीवी फुटेज से कुछ तथ्य गायब हैं।
- पास्को स्पेशल कोर्ट में मामला पेश करने के बदले पुलिस ने जानबूझकर चार्जशीट एसी-एसटी स्पेशल कोर्ट में पेश की।
- नाबालिग तक शेल्टर होम में जहरीली सामग्री पहुंचने की जांच नहीं हुई।
- ऐसा यदि अभियोजन की गलती से हुआ तो भी जांच होना चाहिए।
वहीं, रिपोर्ट में डीजीपी विवेक जौहरी को निर्देश दिए हैं कि सीएसपी तिवारी सहित सभी बाल कल्याण अधिकारियों की पॉक्सो और जेजे एक्ट संबंधी ट्रेनिंग कराएं।