वैक्सीन पर सियासत: कोरोना वैक्सीन को लेकर बीजेपी, कांग्रेस अन्य दल व संगठन आमने-सामने, वैक्सीन पर हुई जुबानी जंग
वैक्सीन पर सियासत: कोरोना वैक्सीन को लेकर बीजेपी, कांग्रेस अन्य दल व संगठन आमने-सामने, वैक्सीन पर हुई जुबानी जंग
भोपाल/राजकमल पांडे। पहले तो देश इस इंतजार में था कि कब देष में वैक्सीन आए और सभी को टीका लग जाए जिससे दिन प्रतिदिन फैलती महामारी को कुछ हद तक रोका जा सके. 9 महीने के इंतजार के बाद जब वैक्सीन आया तो वैक्सीन को लेकर सियासत शुरू हो गई. वैक्सीन पर छिडी जुबानी जंग में राजनीतिक जानकारो का कहना है कि अपने देश में कोई भी शुभ कार्य बिना राजनीतिक अंडगे से सम्पन्न नहीं होता है और यह अपने देश में पिछले 10-15 साल में उपजी राजनीति से संभव हुआ है. उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने जब यह कहा कि ‘‘नही लगवाऊंगा बीजेपी की कोरोना वैक्सीन’’ तो इस बयान को बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘‘यह डाॅक्टरों वैज्ञानिको का अपमाना है’’ जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेेश यादव डैमेज कट्रोल में जुटे और फिर उन्होंने कहा कि ‘‘हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर बीजेपी की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व बीजेपी सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप्प-सी पड़ी रही है. हम बीजेपी की राजनीतिक वैक्सीन नही लगवाएंगे’’ वैक्सीन पर नेताओं के बयान इतने में ही नहीं थमे. उत्तरप्रदेश के पूर्व अखिलेश यादव के बयान पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया और कहा कि ‘‘जो पापा और चाचा की नही सुने वह देश की क्या सुनेंगे’’ हालांकि इस पर अखिलेश यादव की कोई प्रतिक्रिया नही आई है.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि ‘‘कोवैक्सीन का तीसरा ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, इससे पहले मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है’’ वहीं डीसीजीआई निदेषक वीजी सोमानी ने कहा कि ‘‘यदि सुरक्षा से जुड़ा थोड़ा भी संशय होता तो हम ऐसे किसी भी चीज को मंजूरी नहीं देते. ये वैक्सीन 100 फीसदी सुरक्षित है कुछ दुष्प्रभाव हर वैक्सीन के लिए आम हैं.