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गांजे पर सियासत : MLA लक्ष्मण सिंह ने कहा "धर्म" से जोड़ा जा रहा है, BJP का पलटवार

भोपाल : सोमवार को मध्यप्रदेश में गांजे के मुद्दे पर जमकर सियासत हुई। गांजे के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा नेताओं में वॉर पलटवार का दौर चलता रहा। दरसअल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने इसको लेकर ट्वीट किया था।

लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा की – गांजे को दुर्भाग्यवश “धर्म”से जोड़ा जा रहा है, “शिव बूटी”का नाम देकर। यही कारण है इसका सेवन अत्यधिक बढ़ता जा रहा है,जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवजी ने अमृत मंथन में निकला विष पिया था,गांजा नहीं।

लक्ष्मण सिंह के इस ट्वीट पर डॉक्टर हितेश वाजपेई ने ज़ोरदार पलटवार किया।

डॉक्टर हितेश वाजपेई ने एक के बाद एक ट्वीट करके इसका जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा की – गांजे के पौधे में जो दो रसायन पाए जाते हैं वो हैं टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल यानी टीएचसी और कैनाबिडॉल यानी सीबीडी. गांजे में नशा टीएचसी की मौजूदगी के कारण होता है। कैनाबिडॉल में नशे के कोई गुण नहीं हैं और इसके इस्तेमाल से किसी को नशे की लत नहीं लगती।

उन्होंने लिखा की – आयुर्वेद में क़रीब 200 अलग-अलग जगहों में गांजे का ज़िक्र है। इस पौधे के मादक पदार्थ का नाम गांजा है. संस्कृत में इसे विजया कहते हैं. आयुर्वेद में इसके इस्तेमाल को बुरा नहीं माना जाता। कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं जिनमें न केवल विजया का इस्तेमाल किया जाता है बल्कि अफ़ीम का भी इस्तेमाल होता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं और इसका इस्तेमाल कितना महत्वपूर्ण है।

डॉक्टर हितेश वाजपेई यही नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा की – वैश्विक औसत के मुक़ाबले भारत में गांजे का इस्तेमाल कम है (3.9 फीसदी बनाम 1.9 फीसदी). इसके मुक़ाबले भारत के लिए चिंता का विषय है अफ़ीम से बनने वाला हेरोइन. जहां दुनिया में औसतन 0.7 फीसदी लोग अफीम से बने नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं वहीं हैं।

भारत में 2.1 फीसदी लोग इस तरह के पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं…इसलिए जबरदस्ती भगवान् शिव को बदनाम मत करिए अपने आप को “धर्म निरपेक्ष” दिखाने के चक्कर में महाराज !

अंत में जवाब में लक्ष्मण सिंह ने यह लिखकर विवाद का अंत कर दिया “आप बहुत ज्ञानी हैं। मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता।” लेकिन बीजेपी को आपत्ति इस बात को लेकर थी कि आखिरकार लक्ष्मण सिंह ने इसे शिव बूटी क्यों कहा और उसे लेकर सोशल मीडिया पर लंबे समय तक विवाद चलता रहा।

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