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PM Modi Live:- देश के नौजवान करें देश की सेनाओं का निर्माण, इन तीन चीजों को रोजमर्रा में करें शामिल:-  पीएम मोदी

PM Modi Live:- देश के नौजवान करें देश की सेनाओं का निर्माण, इन तीन चीजों को रोजमर्रा में करें शामिल:-  पीएम मोदी

 जैसलमेर:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जैसलमेर से देश की जनता को संबोधित किया. उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि मां भारती की सेवा और सुरक्षा में 24 घंटे डटे रहने वाले आप सभी वीरों को मेरी और 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से दिवाली की बधाई। आप हैं तो देश है, देश के लोगों की खुशियां हैं, देश के ये त्योहार हैं. 
आप भले बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या फिर रेगिस्तान में, मेरी दिवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है। आपके चेहरों की रौनक देखता हूं, आपके चेहरे की खुशियां देखता हूं, तो मुझे भी अनेक गुना खुशी होती है. 

देश की सरहद पर अगर किसी एक पोस्ट का नाम देश के सबसे ज़्यादा लोगों को याद होगा, अनेक पीढ़ियों को याद होगा, उस पोस्ट का नाम लोंगेवाला पोस्ट है। इस पोस्ट पर आपके साथियों ने शौर्य की एक ऐसी गाथा लिख दी है जो आज भी हर भारतीय के दिल को ​जोश से भर देती है. 
मैं आज देश के नौजवानों से देश की सेनाओं के लिए निर्माण करने का आह्वान करता हूं। हाल के दिनों में अनेक स्टार्ट-अप्स सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे आए हैं। डिफेंस सेक्टर में नौजवानों के नए स्टार्ट-अप्स देश को आत्मनिर्भरता के मामले में और तेजी से आगे ले जाएंगें. 
जब भी जरूरत पड़ी है भारत ने दुनिया को दिखाया है कि उसके पास ताकत भी है और सही जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। आज भारत आतंक के आकाओं को घर में घुसकर मारता है, आज दुनिया ये समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है. 

 पीएम मोदी ने किए तीन आग्रह:- 

 संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपसे तीन आग्रह करना चाहता हूं। पहला- कुछ न कुछ नया इनोवेट करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। दूसरा- योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए। तीसरा- अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए. आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान है। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है. 

आज भारत की रणनीति साफ है। आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है लेकिन अगर हमें आजमाने की कोशिश की तो जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलेगा.

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