पौधारोपण घोटाला : शिवराज और अफसरों को मिली क्लीनचिट, अब नहीं होगी EOW जांच
- पौधारोपण घोटाले की निकली कांग्रेस की हवा
- विधानसभा से क्लीनचिट मिलने के बाद कांग्रेस के अरमानों पर फिर पानी
- शिवराज और अफसरों हुए इस घोटाले से आदाज़
- खारिज की गई जांच की मांग
Bhopal : मध्यप्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आते ही पूर्व की बीजेपी सरकार में हुए घोटालों की जांच करवा रहीं हैं। जिसमें व्यापम, डंपर, पौधारोपण समेत कई घोटाले शामिल हैं। लेकिन इसी बीच कांग्रेस का अहम मुद्दा पौधारोपण घोटाले की भी हवा निकल गई हैं। दरअसल इस घोटाले को लेकर कमलनाथ सरकार के वनमंत्री उमंग सिंघार ने ईओडब्ल्यू की जांच की मांग की थी। परंतु विधानसभा में क्लीनचिट दिए जाने के बाद उनकी इस कोशिश पर पानी फिर गया हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच करवाने के प्रस्ताव को विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया हैं। इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा है कि पौधारोपण से जुड़े अफसरों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके लिए तर्क दिया गया है कि पौधारोपण का निर्णय शीर्ष राजनीतिक फैसला था, जिसका पालन करना अफसरों की जिम्मेदारी हैं।
बता दे कि श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजे प्रस्ताव में लिखा है कि दोनों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ जांच की सिफारिश नहीं की जा सकती। हालाँकि इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेना हैं। मालूम हो कि प्रदेश में दो जुलाई 2017 को विशेष अभियान चलाकर एक साथ सात करोड़ पौधे रोपने का दावा किया गया था।
उधर, विभाग ने हर तर्क की काट के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय को नोटशीट भेजी हैं। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ जांच के मामले में फाइल में लिखा गया है कि पौधारोपण से जुड़ी नोटशीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व वनमंत्री के हस्ताक्षर नहीं हैं। चूंकि उनके द्वारा निर्णय लिए जाने के साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ जांच भी नहीं कराई जा सकती हैं।