PGI चंडीगढ़ ने ढूंढ लिया है कोरोना का वैकल्पिक ईलाज, भोपाल और दिल्ली में भी हो रही टेस्टिंग
भोपाल डेस्क, गौतम कुमार
कोरोना वायरस के बचने के लिए अभी तक कोई भी दवाई या वैक्सीन नहीं बनाई गई है। लेकिन लगता है जल्द ही भारत के वैज्ञानिक इसकी दावा निकाल लेंगे। बहरहाल चंडीगढ़ PGI के डॉक्टरों ने कोरोना से बचाव के लिए वैकल्पिक दवा बनाने में कामयाबी पाई है। पिछले सप्ताह ही पीजीआई चंडीगढ़ को भारत सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुना था। काउंसिल ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (CSIR) ने कोरोना वायरस पर कुष्ठ रोग में इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू (MW) का क्लीनिक ट्रायल की मंजूरी दी थी।
कुछ रोगियों पर आजमाया गया
अस्पताल का कहना है कि इन मरीजों पर डॉक्टरों ने लगातार तीन दिन तक यह दवा प्रयोग की और पाया गया कि मरीज पर वैक्सीन का इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित और सकारात्मक है। बता दें कि इस दवा का इस्तेमाल पहले कुष्ठ, तपेदिक और निमोनिया ग्रस्त पेशेंट्स पर भी किया गया था और उनमें भी दवा के इस्तेमाल को सुरक्षित पाया गया था। अब कोरोना के पेशेंट्स पर भी दवा सुरक्षित पाई गई है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पीजीआई चंडीगढ़ ने भारत सरकार के विश्वास बरकरार रखा है। अगर इसको सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो आने वाले दिनों में यह वैक्सीन कोरोनो के मरीजों पर और जगहों पर भी आजमाया जाएगा। CSIR गुजरात की फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के साथ मिलकर MW वैक्सीन का कोरोना वायरस पर क्लीनिकल ट्रायल आगे भी जारे रहेगी। इस क्लीनिकल ट्रायल में PGI चंडीगढ़ के साथ दिल्ली एम्स और भोपाल के एम्स को भी मंजूरी मिली है।