भोपाल : हालही में शिवराज कैबिनेट के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने घोषणा की थी कि जनता के द्वारा ही प्रदेश में महापौर और अध्यक्ष चुने जाएंगे। मंत्री सिंह ने कहा था कि राज्य सरकार ने इस संबंध मे संशोधन हेतु अध्यादेश राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेज दिया था।
लेकिन अब सरकार ने इस मामलें पर यू टर्न ले लिया है। बता दे कि प्रत्यक्ष प्रणाली (direct system) से चुनाव कराने वाला अध्यादेश राजभवन से वापस बुला लिया गया है। मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होगा।
वहीं, सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर करार तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि “तीन-चार दिन पूर्व भाजपा के नेता महापौर व अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने की घोषणा कर कांग्रेस को खूब कोस रहे थे। अब पता चला है कि राजभवन से अध्यादेश को वापस बुला लिया गया है। अब कमलनाथ सरकार के निर्णय पर ही शिवराज सरकार की सहमति। मतलब सारे आरोप झूठे…”
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नगर निगमों के महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष सीधे जनता के द्वारा नहीं बल्कि चुने गए पार्षदों के द्वारा चुने जाएंगे।