मध्यप्रदेश/ महिला दिवस पर महिला अतिथिविद्वान ने अपने केश त्यागे, कांग्रेस सरकार पर महिला सम्मान के ढोंग का लगाया आरोप
भोपाल: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जहाँ सारा विश्व आज महिलाओं का सम्मान कर रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को आज पुरुस्कृत किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एक वर्ग ऐसा भी है जो उच्च शिक्षित होते हुए भी प्रताड़ित है। प्रदेश के सरकारी कालेजों में अध्यापन कार्य करने वाले अतिथिविद्वान आज इतने प्रताड़ित एवं अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि वे लगभग तीन माह से कांग्रेस सरकार से अपने नियमितीकरण के वचन को पूरा करवाने आंदोलन की राह पर अग्रसर है किंतु सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। हालात इतने बदतर हो चुके है कि महिला दिवस के अवसर पर एक महिला अतिथिविद्वान डॉ नीमा सिंह अतिथिविद्वान अर्थशास्त्र शासकीय महाविद्यालय उमरिया पान जिला कटनी ने अपने केशत्याग करके अपना मुंडन तक करवा दिया है। किन्तु कांग्रेस सरकार द्वारा अब तक कोई संज्ञान न लिए जाने से जहां एक ओर सरकार की चहुँओर आलोचना हो रही है। साथ ही अतिथि विद्वान आक्रोशित हैं। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार केवल महिला सम्मान का ढोंग करती है।
तीन माह से इस प्रदेश कि उच्च शिक्षित बेटियां कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले काँपते हुए रात बिताती रही है। किंतु न मुख्यमंन्त्री जी ने अथवा और न ही उच्च शिक्षा मंत्री महोदय ने हमारी कोई ख़बर लेंने की कोशिश नहीं की । सरकार महिला सम्मान पर बड़ी-बड़ी बातें भर करना जानती है। जबकि महिला दिवस पर प्रदेश के एक बेटी ने अपना मुंडन कराकर सरकार की विश्वसनीयता एवं संवेदनशीलता पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। यदि प्रदेश में सब कुछ ठीक चल रहा है तो फिर आज बेटियों को अपने केश त्यागने की क्या आवश्यकता आन पड़ी है। यदि सरकार वाकई संवेदनाशून्य नही है तो अविलंब अतिथिविद्वानों की मांगों पर विचार किया जाना चाहिये।
कई महिला अतिथिविद्वान करवा चुकी है अपना मुंडन
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार महिला मुंडन की घटना कोई नई नही है। पूर्व में भी हमारी बहनों ने अपने केशत्याग करके सरकार की संवेदनहीनता का मातम मनाया था। डॉ शाहीन खान एवं डॉ लक्सरी दास ने सरकार की अतिथिविद्वान विरोधी नीतियों से आहत होकर अपने केशत्याग दिए थे। जबकि महिला दिवस के अवसर पर कार्यरत अतिथिविद्वान अर्थशास्त्र डॉ नीमा सिंह ने अपने केशत्याग करके सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
अगला मुंडन राजधानी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के सामने होगा
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय के अनुसार अतिथिविद्वानों ने अब तक गाँधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखी है। यहां तक कि महिला साथियों ने सरकारी नीतियों से तंग आकर व नियमितीकरण में हो रहे अनावश्यक विलंब के कारण अपने केश तक त्याग दिए। किन्तु सरकार इतनी निष्ठुर हो चुकी है कि तानाशाही पूर्वक अतिथिविद्वानों की मांगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। महिला अतिथि विद्वानों ने आज आह्वाहन किया है कि यदि सरकार ने वचनपत्र अनुसार हमारा नियमितीकरण का वादा नही निभाया तो हम दिल्ली की ओर कूच करेंगे व अपने आंदोलन को विस्तृत करते हुए अगला मुंडन दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के सम्मुख किया जाएगा।