राम मंदिर ट्रस्ट घोटाला:- करोड़ों लोगों की आस्था और भक्ति के साथ हुआ मजाक, चंदे का दुरुपयोग अपमानजनक :- प्रियंका गांधी
राम मंदिर ट्रस्ट घोटाला:- करोड़ों लोगों की आस्था और भक्ति के साथ हुआ मजाक, चंदे का दुरुपयोग अपमानजनक :- प्रियंका गांधी
राम मंदिर ट्रस्ट घोटाला कल से लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है.
पूरे मुद्दे पर आगे कई दिग्गज नेता सामने आए हैं और लगातार सियासत जारी है.
सांसद संजय सिंह ने इस पूरे मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया उन्होंने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है. लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया. देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इससे आस्था जुड़ी हुई है. इसीलिए राम मंदिर निर्माण के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्ट को चंदे में दिए. अब उसी ट्रस्ट में उनके चंदे की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. संजय सिंह ने इसके प्रमाण पेश करते हुए अयोध्या में हुई जमीन खरीद का मामला सामने रखा. बताया कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्सी लाख रुपये है, उसको दो करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा. इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे रिषिकेश उपाध्याय जो अयोध्या के मेयर हैं. पांच मिनट बाद ये जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े अट्ठारह करोड़ में खरीद ली. 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस कर दिया गया. लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया.
संजय सिंह ने कहा कि प्रभु श्रीराम के नाम पर जिस तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रिकार्ड है. जो अनिल मिश्र और रिषिकेश तिवारी सुल्तान और रवि मोहन तिवारी की खरीद में गवाह थे, वही ट्रस्ट के बैनामे में भी गवाह बन गए. संजय सिंह कहते हैं, “मैं समझता हूं आज उन करोड़ों भक्तों को ठेस लगी होगी, जिन लोगों ने भगवान राम के मंदिर के निर्माण पर चंदा दिया. मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट के पदाधिकारी करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं. यह मनी लांड्रिंग का मामला है.” संजय सिंह के मुताबिक, जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए स्टांप पांच बजकर ग्यारह मिनट पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी पांच बजकर बाइस मिनट पर खरीदा. आखिर ट्रस्ट ने स्टांप पहले ही कैसे खरीद लिया. किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड की मीटिंग करके प्रस्ताव पास किया जाता है. ऐसे में सवाल है कि मात्र पांच मिनट में कैसे ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास करके जमीन खरीद ली. संजय सिंह कहते हैं, “आज प्रभु श्रीराम के नाम पर घोटाले का पूरा सच देश की जनता के सामने आ गया है. मेरी प्रधानमंत्री से मांग है कि पूरे मामले की ईडी और सीबीआई से जांच कराकर घोटालेबाजों को जेल भेजवाइए.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में लगे घोटाले के आरोप पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान सामने आया है। प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, ''करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।''
चंपत राय ने दी सफाई:-
इन आरोपों पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने रविवार को सफाई देते हुए कहा कि जो भी राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं वह भ्रामक हैं और समाज को गुमराह करने के लिए हैं। ये सारे ही आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इसीलिए ये राजनीतिक लोगों द्वारा ही लगाए जा रहे हैं। देर रात चंपत राय की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया। इस नोट में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 9 नवंबर, 2019 को श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने के लिए देश के कई लोग आने लगे। वहीं, खुद उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए बड़ी मात्रा में जमीन खरीद रही है, इस कारण अयोध्या में जमीनों के दाम बढ़ गए।