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नरसिंहपुर : देखें video देवदूत बने 108 एंबुलेंस कर्मी, कचरे में फेंकी लाडली को जिंदा बचाया

नरसिंहपुर : देखें video देवदूत बने 108 एंबुलेंस कर्मी, कचरे में फेंकी लाडली को जिंदा बचाया

  • नरसिंहपुर वन विभाग कार्यालय के परिसर में कीचड़ में पड़ी थी नवजात बच्ची
  • कीचड़ से उठाकर कपड़े में लपेटा एंबुलेंस से ऑक्सीजन लगाई
  • जिला अस्पताल में चल रहा है बच्ची का इलाज

     देखें video – https://fb.watch/1Ti-8UUbgR/

 द  लोकनीति डेस्क नरसिंहपुर
मां तो आखिर मां होती है। वह अपने कलेजे के टुकड़े को ऐसे रोते बिलखते कचरे के ढेर में कैसे फेंक सकती है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में सामने आया। जहां एक नवजात बच्ची को कोई कचरे के ढेर में फेंक गया। उस नवजात बच्ची का रुदन सुनकर लोगों ने इसकी जानकारी 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को दी। उस नवजात बच्ची के लिए 108 एंबुलेंस कर्मी देवदूत बनकर सामने आए और कचरे में पड़ी बच्ची को सीने से लगाकर उसकी जिंदगी को बचा लिया। नवजात बच्ची का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और वह पूरी तरह से स्वस्थ है।


ये है  पूरा मामला  
सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर 108 एम्बुलेंस के स्टाफ ईएमटी हेमंत प्रजापति और पायलट नितिन जाट को सूचना मिली कि नरसिंहपुर में वन विभाग कार्यालय परिसर में नवजात कीचड़ में पड़ी है। महज 4 मिनट में 108 मौके पर थी। प्रजापति ने बिना एक पल गंवाए नवजात को कीचड़ से निकाला और गर्म कपड़े में लपेटकर जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। रास्त में जरूरी उपचार दिया।

मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है 
मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। ये कहावत गुरुवार को चरितार्थ हुई। किसी ने अपनी नवजात को कीचड़ में मरने के लिए फेंक गया। तन पर न कपड़ा था और न ही कोई रुदन सुनकर सीने से लगाने वाला। पर ईश्वर की मर्जी कुछ ओर थी। किसी ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी और फिर देवदूत बनकर पहुंचे ईएमटी टेक्नीशियन हेमंत प्रजापति ने उसे कीचड़ से उठाया, कपड़े में लपेटा, एम्बुलेंस में उसे ऑक्सीजन लगाई और फिर अपने कलेजे से लगाकर उसे जिंदा रहने के लिए जरूरी ऊष्मा दी, ताकि शरीर गर्म रहे और सांसें चलती रहें। अब बच्ची स्वस्थ है।
 

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