दूसरी कक्षा पास नाहरू खान के बदौलत अब बिना छुए बजेगी मंदिर की घंटी
मंदसौर
जब से लॉकडाउन खुला है लोगों के सामने अजीब-अजीब मुसीबतें आकर खड़ी हो गईं हैं और उसके उपर से सरकार ने कई सारे नियम कायदे ला दिए हैं। अब तक लोगों को भी समझ में आने लगा है की कोरोनावायरस के बाद वाली जिंदगी और उसके पहले वाली जिंदगी में किस अंतर की बात की गई थी। लेकिन कहा जाता है कि अव्सर का फायदा उठाने वाला ही असल में होशियार होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मंदसौर के रहने वाले नारू खान ने। दरअसल सरकार ने अनलॉक-1 के दौरान मंदिर में दर्शन करने वाले लोगों के लिए कुछ नियम बनाएं हैं। इन सभी नियमों में जो सबसे अहम है वह यह है कि सरकार ने लोगों को किसी भी चीज को छूने से मना किया है। मंदिर में आदमी सबसे पहला काम करता है वह है भगवान के दर्शन और उसके बाद घंटी बजाना लेकिन क्योंकि सरकार ने किसी भी चीज को छूने से मना किया है घंटी बजाना भी मना है।
लेकिन यह बात मंदसौर के रहने वाले नाहरू खान को नागावार गुजरी और नाहरू खान ने न सिर्फ हिंदू-मुस्लिम एकता का परिचय देते हुए नाहरू खान ने मंदिर की घंटी में एक ऐसा सेंसर लगा दिया है कि जैसे ही आप उसके नीचे खड़े होंगे घंटी अपने आप बजने लगेगी। नाहरू खान ने बताया कि 'मेरे मन में यह मलाल था कि अनलॉक-1 में मस्जिदों से अजान सुनाई देने लगी, लेकिन मंदिर में घंटी की आवाज नहीं गूंज रही है। इसलिए मैंने सेंसर से घंटी बजाने पर काम शुरू किया, जिसमें घंटी को छूने की जरूरत नहीं है।' नाहरू खान बताते हैं कि तीन दिन की मेहनत के बाद उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में ऐसा सेंसर लगाया है, जिसके नीचे हाथ और चेहरा दिखाने पर घंटी अपने आप बजने लगती है।
ऐसे काम करती है
मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर शायद देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहां सेंसर से घंटियां बज रही हैं। यह काम एक मुस्लिम शख्स के कारण संभव हो पाया है। इस सेंसर वाली घंटी को देखकर भक्त काफी खुश हैं। इसमें एक रॉड के बीच में रोलर और नीचे की तरफ सेंसर लगा है। नीचे हाथ या चेहरा दिखाने पर यह रॉड के अंदर लगे रोलर को घुमाना शुरू करता है। घंटी रोलर से बांध दी गई है, इसलिए सेंसर रोलर रस्सी खींचता और छोड़ता है। इससे बिना हाथ लगे घंटी बजती है।