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सिंधिया ने टेका रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर सर, कांग्रेस नेत्री बोली, वीरांगना की आत्मा को दुख पहुंचा, धोकर शुद्ध करेंगे

ग्वालियर : हालही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंधिया परिवार का इतिहास बदलने की कोशिश की। जब वो अचानक  झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंच गए। समाधि के सामने हाथ जोड़े और शीश झुकाकर लक्ष्मीबाई को नमन किया। इतना ही नहीं, वहां 2 मिनट रुककर प्रार्थना की और पुष्पांजलि भी दी। समाधि की एक परिक्रमा भी लगाई। यहां कुछ देर ठहरने के बाद वह निकल गए। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ऐसा करते ही प्रदेश की सियासत बुरी तरह से गरमा गई। कांग्रेस इसको लेकर तंज कसने लगी। इसी कड़ी में ग्वालियर महिला कांग्रेस की शहर जिलाध्यक्ष रुचि गुप्ता ने भी इसको लेकर करारा तंज कसा। 

रुचि गुप्ता ने कहा कि 1857 में सिंधिया घराने ने रानी से गद्दारी की थी। इसी घराने के मुखिया अब लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए हैं। बताएं आज क्या जरूरत पड़ गई, वहां जाने की? क्या मजबूरी थी लक्ष्मीबाई को नमन करने की? वो यही नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि 'जो लोग कल कत्ल पर हंस रहे थे, आज उस बुत पर फूल-माला चढ़ाकर हंस रहे हैं। मंसूबे तब भी वही थे, मंसूबे आज भी वही हैं। तब भी गद्दारी की थी और आज गद्दारी जनता के वोट के साथ की है। रानी लक्ष्मीबाई को तकलीफ कितनी हुई होगी, जब उनकी समाधि पर पैर रखा होगा। 1

रुचि गुप्ता ने कहा कि वीरांगना की आत्मा को दुख पहुंचा है। समाधि स्थल को कुदरत (बारिश के जरिए) खुद शुद्ध कर देगी। या फिर हम इसे धोकर शुद्ध करेंगे।

गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य जब से कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से ये कयास लगाए जा रहे थे कि क्या वे लक्ष्मीबाई की समाधि पर आएंगे? माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद से सिंधिया पर लगातार दबाव था कि लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाएं। यही वजह है कि ज्योतिरादित्य को रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाना पड़ा।

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