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विधानसभा सत्र का दूसरा दिन: सदन में गूंजा अतिथि विद्वानों का मुद्दा, क्या निकला कोई हल? जाने यहां

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश विधानसभा में बुलाई गई दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन सदन में अतिथि विद्वानों के मुद्दों को लेकर जमकर बहस छिड़ी। सदन के चारो ओर अतिथि विद्वानों का मुद्दा सुनाई दिया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं भाजपा के अन्य सदस्यों ने अतिथि विद्वानों का मामला विधानसभा में उठाया और कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। 

भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के ऊपर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि अतिथि विद्वानों के नियमित करने का वादा कांग्रेस का है लेकिन सरकार ने किसी एक अतिथि विद्वान को भी नियमित नहीं किया जो सीधे तौर पर उसी वादाखिलाफी को दर्शाता हैं। भाजपा विधायकों ने कहा कि कांग्रेस जिस वचन पत्र में किए वादों के साथ सत्ता में आई है उसे वह पूरा करना चाहिए। 

वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर किया था उसने उसका पालन अब तक नहीं किया, बल्कि इस मामले की जांच समिति का गठन कर दिया। जिसकी कोई चर्चा पहले से नहीं थी। 

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि प्रदेश में 8000 सहायक प्राध्यापकों के पद खाली हैं। ऐसे में जो अतिथि विद्वान पिछले 1 वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं उन सभी को सरकार द्वारा समायोजित किया जाना चाहिए था ना की वहां जांच बैठाने का कार्य करती। हम इस सदन के माध्यम से ये मांग रखते हैं की सभी अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाए।

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