सिंधिया के कहने पर "लापता" हुए थे विधायक? उनके खेमे के "तीन मंत्रियों" की हुई थी आपस में मीटिंग…..!
भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अपनी चुप्पी तोड़ी हैं। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने ये चुप्पी काफी देर से तोड़ी है, जिसको लेकर भी अब कई सवाल उठाने शुरू हो गए हैं।
दिग्विजय के आरोपों पर भी कुछ नहीं बोले सिंधिया
बता दे कि जिस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा रहे थे, तब सिंधिया ने चुप्पी साध ली थी। उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे इन तथ्यों की कोई भी जानकारी नहीं हैं। प्रदेश में जनता के बलबूते कांग्रेस आई हैं। जनता के हितों के लिए काम कर रहे थे। आगे भी जनता के हितों के लिए काम करते रहेंगे।
ग्वालियर दौरे पर भी सिंधिया ने साधे रखी चुप्पी
जबकि, मंगवालर को एक दिन के ग्वालियर दौरे पा आए सिंधिया ने यहीं बाते दोहराई। इस चुप्पी से लग रहा था कि सरकार के संकट के दौर से सिंधिया ने किनारा कर लिया हैं।
विधायकों के भोपाल लौटते ही सिंधिया ने बीजेपी पर बोला हमला
जब बंधक बनाए गए छह विधायक वापस भोपाल आए, तो सिंधिया ने ट्वीट के जरिए बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त बीजेपी की पुरानी परंपरा है, लेकिन वह इस कोशिश में कामयाब नहीं होगी। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। कांग्रेस में सब एकजुट हैं।
सिंधिया खेमे के तीन मंत्रीयों ने की आपस में मीटिंग
सरकार जहां बंधक बनाए गए विधायकों को भोपाल लाने की कोशिश में जुटी हुई थी, उसी दौरान सिंधिया खेमे के तीन मंत्रीयों ने आपस में मीटिंग की। जानकारी के अनुसार तीनों मंत्रियों ने सीएम हाउस में हुई बैठक से भी दूरी बनाए रखी।
ऐसे में अब इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि सिंधिया की चुप्पी छह विधायकों के भोपाल आने के बाद ही क्यों टूटी? कयासा ये भी लगाया जा रहा है की सिंधिया के कहने पर ये सभी विधायक लापता हुए थे? हालांकि सच क्या है ये तो आने वाले समय में ही सामने आएगा। फ़िलहाल सिंधिया की देर से चुप्पी तोड़ना एक बड़ा सवाल बना हुआ हैं।
बता दे की उनके सिंधिया खेमे से आने वाले मंत्री उमंग सिंघार ने चुटकी लेते हुए इस पूरे मामले को राज्यसभा से जोड़कर बता दिया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था की – माननीय कमलनाथ की सरकार पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। यह राज्यसभा में जाने की लड़ाई है, बाकी आप समझदार हैं।