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जानिए क्यों झाबुआ से पहले उज्जैन में होगी CM कमलनाथ की कैबिनेट बैठक ?

भोपाल: प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ अब राजधानी से बाहर कैबिनेट करने जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह कैबिनेट बैठक अगले हफ्ते
महाकाल की नगरी “उज्जैन ” में होगी। 

 

  • यहाँ महाकाल मंदिर से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा होगी, साथ ही कई नई अन्य कार्ययोजना पर मुहर लगेगी। नगरीय प्रशासन, धर्मस्य एवं अन्य विभागों ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है।
  • आपको बता दे कि झाबुआ उपचुनाव में लगातार ये प्रचार में बताया जा रहा था की अगली कैबिनेट बैठक झाबुआ में होगी फ़िर  लगभग सरकार के सभी नुमाइंदो ने आदिवासियों को विकास का चेहरा दिखाकर खुश करने की कोशिश जरूर की थीं ,
  • बरहाल यह बैठक अब उज्जैन में होने जा रही हैं फ़िलहाल बैठक के संबंध में उज्जैन ज़िला प्रशासन को अधिकृत तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है। 

CM कमलनाथ ने प्रदेश की कमान लेने के बाद उज्जैन को विकास मॉडल(model) बनाने का ऐलान किया था।खासकर महाकाल मंदिर(mahakal temple) को लेकर भी बड़ा फैसला होना है। साथ ही कुंभ क्षेत्र में होने वाले विकास कार्य पर भी नए सिरे से निर्णय होना है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले हफ्ते पूरी कैबिनेट (cabinet) के साथ उज्जैन पहुंच रहे हैं। 
मुख्यमंत्री सचिवालय(Chief Minister's Secretariat) ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। साथ ही संबंधित विभागों के साथ भी बैठक हो चुकी है। हालांकि कैबिनेट बैठक की अभी तिथि तय नहीं है। संभवत: 23 या25  नवंबर को उज्जैन में कैबिनेट हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक़ अभी कुछ दिनों के भीतर अफसरों का एक दल उज्जैन प्रवास पर जाएगा, जो कैबिनेट बैठक की तैयारियों की समीक्षा करेगा। 

अगले महीने झाबुआ(jhabua) में होगी कैबिनेट

इसी महीने के आखिरी में उज्जैन में कैबिनेट बैठक होगी। इसके बाद दिसंबर में झाबुआ में होगी। झाबुआ बैठक को लेकर भी मुख्यमंत्री सचिवालय में चर्चा हो चुकी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास(Panchayat and Rural Development) अनुसूचित जनजाति विभाग(Scheduled tribe department)
एवं अन्य विभागों के साथ बैठक हो चुकी है। संबंधित विभागों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। 
वही सूत्रों के मुताबिक़ झाबुओ में दिसंबर(december) के पहले या दूसरे हफ्ते में CM कमलनाथ कैबिनेट बैठक कर सकते हैं। 

बड़ा सवाल ???


जैसे जैसे चुनाव चला तो किसी मंत्री ने जलेबी तली ,तो किसी ने आदिवासी ढ़ोल बजाया ,तो वही विपक्ष के नेता ने भी भजन गाकर अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते नज़र आये ,लेकिन क्या अब इन कैबिनेट बैठकों से कुछ हल निकलेगा ,हल बहुत छोटा शब्द है लेकिन किसी आदिवासी किसान के हल की तरह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी ,सरकार की जनता के लिए ज़िम्मेदारी कितनी हैं औऱ नई सरकार की नीयत कैसी हैं ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा | 
 

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