मध्यप्रदेश राज्य शासन ने सभी निजी अस्पतालों को तीन महीने के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाने की तैयारी
मध्यप्रदेश /इंदौर (Indore )-: कोविड -19 वायरस (Coronavirus ) के दौर में भी गरीब और जरूरत मंद मरीजों से निजी अस्पताल ज्यादा पैसा ले रहे हैं। भारत सरकार की आयुष्मान(Ayushman) भारत योजना से जुड़े निजी अस्पतालों में अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों के इलाज में भी समस्या आ रही है। अन्य मरीजों को ऐसे अस्पतालों से बिना इलाज लौटाया जा रहा है।
अब राज्य शासन ने सभी निजी अस्पतालों को तीन महीने के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाने की तैयारी की है। इस बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई(Fej ahmdkidve) ने सभी कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को लिखा है। इसमें ऐसे निजी अस्पतालों के आयुष्मान योजना में पंजीयन के निर्देश दिए गए हैं जो पहले से नहीं जुड़े हैं।
यदि आयुष्मान योजना इन अस्पतालों में लागू होती है तो इससे मरीज के इलाज का पहले से तय पैसा सरकार द्वारा अस्पताल को भुगतान कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना में पहले से जुड़े अस्पतालों के अलावा नए अस्पतालों को जोड़ना है।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जो अस्पताल कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे हैं वहां प्रसूति व स्त्री रोग, हार्ट, कैंसर, नेत्र रोग आदि बीमारियों के मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा है। इन नए जुड़ने वाले अस्पतालों को शासन की ओर से तय सारे पैकेज उपलब्ध होंगे। यह अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए नहीं होंगे, लेकिन बाद में जरूरत पड़ने पर इन नए आयुष्मान अस्पतालों का उपयोग कोविड -19 मरीजों के लिए किया जा सकता है।
लॉकडाउन (Lockdown) को देखते हुए शासन ने आयुष्मान योजना में नए अस्पतालों के पंजीयन की प्रक्रिया में दस्तावेजों की संख्या भी कम कर दी है, ताकि पंजीयन जल्दी हो सके और ये निजी अस्पताल अपना काम शुरू कर जरूरत मंद मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ दे सकें। दस्तावेजों का सत्यापन स्वास्थ्य विभाग करेगा। साथ ही प्रक्रिया को तेजी से निपटाने के लिए इसकी मंजूरी स्वास्थ्य आयुक्त देंगे या उनकी ओर से नियुक्त अधिकारी से दी जाएगी।