मध्यप्रदेश का दूसरा स्थान कायम, कड़कड़ाती ठंड में मिला लावारिस नवजात शिशु, आसपास घूम रहे थे जानवर
भोपाल/निशा चौकसे:– मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा इलाके से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.
जहां एक नवजात शिशु रोता-बिलखता कड़कड़ाती ठंड में लावारिस मिला. जानकारी के मुताबिक बरखेड़ा पठानी में डिस्पेंसरी के पास एक राहगीर ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी. गोविंदपुरा थाना प्रभारी के मुताबिक शाम को डायल 100 की सूचना मिली कि बरखेड़ा पठानी में नवजात अवस्था में पड़ा है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात को जेपी अस्पताल में भर्ती कराया. बता दें कि नवजात खंडहर मकान में कपड़ों में लिपटा पड़ा था नवजात को जेपी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. फिलहाल नवजात की हालत स्थिर बनी हुई है.
जांच में मिली ये जानकारी
नवजात शिशु इस हालत में मिलने के बाद जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि नवजात को जन्म के तुरंत बाद ही खंडहर में छोड़ दिया गया था उसकी गर्भनाल भी कटी नहीं थी. उसे कपड़े में लपेट कर छोड़ दिया गया था. जिस स्थान पर वह नवजात शिशु बिलख रहा था वहां कई सारे जानवर भी भटक रहे थे ऐसे में यदि नवजात को कुछ हो जाता तो यह बहुत ही दर्दनाक स्थिति बन जाती. फिलहाल पुलिस आसपास के इलाकों में मां को खोजने में जुटी हुई है और पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
शिशुओं को लावारिस छोड़ने में प्रदेश का दूसरे स्थान
हाल ही में NCRB रिपोर्ट आई थी जिसमें मध्य प्रदेश शिशुओं को लावारिस छोड़ने में दूसरे स्थान पर था. मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य बन गया है. जहां शिशुओं की हत्या, शिशुओं को लावारिस छोड़ना, महिला अपराध, रोजाना बलात्कार की खबरें आना आम बात हो गई है.
NCRB 2020 रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश शिशुओं को लावारिस छोड़ने में दूसरे स्थान पर रहा है. तो वहीं दिल्ली में साल 2015 और साल 2020 के बीच किसी भी भारतीय शहर में लावारिस छोड़े गए शिशुओं के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र में भी लावारिस छोड़े गए बच्चों के 6459 मामलें सामने आए हैं. जो राष्ट्रीय आंकड़ों का 18.3% है. जिसके बाद प्रदेश में आज फिर शिशु को लावारिस होने का मामला सामने आया है यह दर लगातार बढ़ती जा रही है.