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वसूली करने गए नगर निगम क्लर्क को स्थानीय ने मारा झापड़, प्रदेश में अधिकारीयों की हो रही आफत

 

  • प्रदेश में कई जगह अधिकारियों से हो रही है बदसलूकी
  • करोंद में बकाया चुकाने को तैयार नहीं था परिवार
  • विवाद होने पर क्लर्क को मारा थप्पड़

Bhopal Desk, Gautam :– भोपाल नगर निगम ने अपना वसूली अभियान चला रखा है। इसी क्रम में करोंद (Karond) क्षेत्र के मुरली नगर (Murli Nagar) में नगर निगम वाले पानी बिजली आदि का किराया वसूलने गए थे। तभी स्थानीय लोगों से उनकी बहस हो गयी और किसी ने वसूली कर रहे नगर निगम के क्लर्क को ही झापड़ मार दिया।

नगर निगम का वसूली अभियान लगता है भोपालवासियों को रास नहीं आ रहा है। एक तरफ ताज़ा-ताज़ा चुनाव जीतने वाले अरविन्द केजरीवाल ने लोगों को एहसास दिला दिया है किमुफ्त में बिजली पानी दिया जा सकता है अगर राज्य सरकार चाहे तो। ऐसे में किसी भी क्षेत्र में वसूली नगर निगम अमले के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ताज़ा घटना करोंद के मुरली नगर की बताई जा रही है। यहाँ नगर निगम क्लर्क अपने अमले के साथ वसूली करने पहुंचे थे। इसी क्रम में उनका विवाद कुछ स्थानीय लोगों से हो गया और तैश में आकर किसीने क्लर्क साहब को लपड़ा दिया।

पानी काटने के बात पर हुए नाराज़
जानकारी के अनुसार मुरली नगर में सैयद शाकिर अली के परिवार पर पानी का बिल 8 हज़ार 460 और संपत्ति कर 15 हज़ार 940 बकाया था। वसूली के लिए पहुंचे निगम अमले ने जब कहा कि हम पानी का कनेक्शन काट देंगे तो सदस्य नाराज़ हो गए। विवाद और बढ़ा तो लोगन ने आव देखा न ताव और क्लर्क आनंद राय को इनका प्रकोप झेलना पड़ा। वार्ड प्रभारी ने जब इस बात की सूचना दी तब और कई अधिकारी मौक़ा-ए-वारदात पर पहुंचे। लेकिन गुस्से में आ चुके परिजन और खासकर शाकिर अली इनसे भी लड़ने लगा। आखिरकार निगम अमले ने निशातपुरा थाना पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई।

राजभवन को नहीं बख्स रहा नगर निगम
राजभवन ने भी सेवा प्रभार के तौर पर 1 करोड़ 13 लाख रूपये जमा करवाएं हैं। क्योंकि निगम यहाँ पेयजल, साफ़-सफाई, स्ट्रीट लाइट, अप्प्रोच रोड, फायर ब्रिगेड, ड्रेनेज और सीवेज सहित सभी सुविधायें उपलब्ध कराता है।

साल भर सोता है नगर निगम
मुद्दा गंभीर यहाँ बनता है कि आपके नगर निगम अमले को जहाँ तहां धमका दिया जा रहा है, उनके साथ बदसलूकी यहाँ तक की मारपीट की जा रही है ऐसे में निगम अमला कब तक वसूली कर पायेगा। और दूसरी बात इन चीज़ों के समय से ध्यान क्यूँ नहीं दिया जाता। अगर बकाया है तो उसे महीने के तर्ज़ पर क्यूँ नहीं लिया जाता। क्या तब तक नगर निगम अमला सोता रहता है ? अगर साल भर की वसूली करने आप एक साथ जायेंगे तो हो सकता है  और गंभीर मामले देखे जाएँ।

 

 

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