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सीएम कमलनाथ ने खुलकर CAA का विरोध नहीं किया – शहर काज़ी मुश्ताक अली नदवी

  • युवाओं से अपील करते हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से इस कानून का विरोध करें – मुश्ताक अली नदवी 
  • सीएम कमलनाथ ने खुलकर CAA का विरोध नहीं किया है  
  • कानून के दायरे में रहकर अपना एहसास दर्ज कराएं हम उनके साथ हैं, 
  • हम चाहते हैं कि यह मसला जोश के साथ होश में रहकर हल किया जाए|
     

भोपाल/ आज़म- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते कई दिनों से लगातार नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है| शहर के सभी धर्मों के लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं| इस मामले पर शहर काज़ी (धर्मगुरु) मुश्ताक अली नदवी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी राय रखी उन्होंने युवाओं से विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा से दूर रहने और शांति से अपना विरोध दर्ज कराने की नसीहत दी है| वहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा है, जिसमें हमने उनसे अपील की है कि वह इस कानून के बारे में अपनी राय जाहिर करें|  बता दे सीएम कमलनाथ ने खुलकर CAA  का विरोध नहीं किया है| कमलनाथ कहा था कि जो कांग्रेस पार्टी का स्टैंड होगा वहीं उनका भी स्टैंड रहेगा| 

शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लगातार इस मामले पर अलग-अलग संस्थाओं के साथ चर्चा कर रहे हैं| साथ ही हमारे बड़ों से भी इस मामले पर विचार किया जा रहा है| वहीं काज़ी ने कहा की काफी समय से यह सुनने में आ रहा है कि, काजी साहब कुछ नहीं बोल रहे हैं, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम लगातार इस मसले पर नजर बनाए हुए हैं| साथ ही हम सभी युवाओं से अपील करते हैं कि वह शांतिपूर्ण तरीके से इस कानून का विरोध करें हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं, कि यह विरोध सिर्फ मुसलमानों से जुड़ा नहीं है, यह विरोध सिर्फ कानून के खिलाफ हो रहा है| जो लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं वह कानून के दायरे में रहकर अपना एहसास दर्ज कराएं हम उनके साथ हैं, लेकिन साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए और प्रदेश में जहां भी हिंसा हो रही है हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं|

यह मामला सिर्फ मुसलमानों का नहीं

जब काजी साहब से पूछा गया कि उन्होंने पहले दिल से अपनी राय इस मामले पर क्यों नहीं रखी| तब उन्होंने इसके जवाब में कहा कि यह मामला मुस्लिम और गैर मुस्लिम का नहीं है, यह मामला कानून का है इसलिए हम कानून के जानकारों से इस बारे में विचार मंथन कर रहे थे|  अगर हम पहले दिन ही बोल देते तो यह माना जाता कि यह मसला मुसलमानों का है|  इसलिए आज मीडिया के जरिए  हम अपनी बात रखना चाहते हैं कि इस मामले पर हम पहले दिन से ही नजर रखे हुए हैं हम चाहते हैं कि यह मसला जोश के साथ होश में रहकर हल किया जाए| अगर जिम्मेदार इस मसले पर फैसला नहीं कर सकते हैं तो फिर हम सभी धर्म गुरुओं को और तमाम सेकुलर पार्टियों को साथ लेकर इस मसले पर चर्चा करेंगे| हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अभी तक मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं किए जाने का ऐलान नहीं किया है|  दिल्ली में एक बैठक के दौरान उन्होंने संकेत दिए थे कि इस कानून को लागू नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि जो स्टैंड कांग्रेस पार्टी का रहेगा उनका भी होगा| काजी ने कहा कि सीएम अपनी राय को खुलकर इजहार करें| जबकि पंजाब और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, जहां इस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने किया है|

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