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भोपाल:- गौशाला के पास कंकालों के ढेर, तीन बड़ी गौशालाओं की पड़ताल में सामने आई ये बातें

गौशाला के पास कंकालों के ढेर, तीन बड़ी गौशालाओं की पड़ताल में सामने आई ये बातें

भोपाल :- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सटे बैरसिया के बसई गांव में 100 गायों की मौत के बाद प्रदेश में हाहाकार की स्थिति बनी हुई है.एक निजी अखबार दैनिक भास्कर ने गायों की मौत के बाद तीन बड़ी गौशालाओं की पड़ताल की. जिसके बाद बड़ी सच्चाई सामने आई.

पड़ताल में देखा गया कि 1 साल में करीब 544 गायों की मौत हो चुकी है. बैरसिया के बसई गांव में प्रशासन का अमला दिनभर जुटा रहा. एसडीएम आदित्य जैन ने बताया कि यहां की 370 गायों को आसपास की चार गौशाला में शिफ्ट किया जाएगा.

इधर पुलिस को 87 गोवंश के शव मिले हैं, जिसमें 42 कंकाल के जबकि 50 गोवंश में से केवल 9 शव के पोस्टमार्टम हो सके पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगी.

नीलबड़ के आगे मुगलियाछाप गांव के बाहर बनी महामृत्युंजय गौशाला में 75 गाय रखने की क्षमता है लेकिन यहां एक ही शेड में 100 से ज्यादा गाय रहती है सभी की हालत नाजुक है 1 साल में यहां 22 गायों की मौत हो चुकी है. खाने के नाम पर सूखी घास और भूसा खिलाया जाता है इनकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ शहर से 30 किलोमीटर दूर बैरसिया रोड पर बसा कुठार गांव है जहां पर है राधा कृष्ण गौशाला…..

यहां पर इस वक्त 105 गाय हैं उन्हें भी एक शेड के नीचे ही रखा जाता है.गांव के सरपंच मुकेश अहिरवार का कहना है कि सरकार से 5 महीने में फंड नहीं मिला है सिर्फ 7 दिन का भूसा बचा हुआ है गांव के लोगों ने यह बात भी बताई कि अक्टूबर 2020 से अब तक 120 गायों की मौत हो चुकी है.

भोपाल शहर से 40 किलोमीटर दूर विदिशा रोड स्थित जीव दया गोरक्षक गौशाला में करीब 2000 गाय हैं. 1 साल में यहां करीब 400 गायों की मौत हो चुकी है. इनमें से 50% गाय नगर निगम द्वारा भेजी गई थी…. मैनेजर रामदयाल नागर बताते हैं कि यह गाय पॉलिथीन खाने की वजह से मर गई इसकी पुष्टि गौशाला से थोड़ी दूर बने गायों के शमशान से होती है यहां या तो गायों के कंकाल थी या फिर पॉलिथीन के गुच्छे.

हालांकि बसई घटना के बाद यहां के कर्मचारी अलर्ट हो चुके हैं. यह गायों के लिए तीन बाड़े बनाए गए हैं.पहले बाड़े में रखी गई गाय महीनों पुराना पानी पीने को मजबूर हैं. नागर ने बताया कि ट्यूबवेल में पानी नहीं है और गड्ढे का पानी सूख चुका है बिजली लाइन काट दी गई है इस बाड़े में गाय रात गुजारती हैं सुबह इन्हें दूसरे बाड़े में छोड़ दिया जाता है.

मध्यप्रदेश में एक गौशाला के बाद अलग-अलग और शालाओं की रिपोर्ट सामने आ रही है. प्रशासन की रिपोर्ट आने के बाद क्या कुछ होगा देखना होगा. 

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