ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छीन ली है इस भाजपा नेता की नौकरी, न बता पा रहे हैं, न छुपा पा रहे हैं
गौतम कुमार
ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) जब से भाजपा में शामिल हुए हैं भाजपा (BJP) के कई नेताओं को वे बिल्कुल भी सुहा नहीं रहे हैं। क्योंकि कुछ भाजपा नेता उनके विरोध के दम पर ही पार्टी में अपनी पहचान बना पाए थे। लेकिन अब जब सिंधिया ही भाजपा में आ गए हैं तो उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा हुआ। ऐसे ही एक नेता जयभान सिंह पवैया (Jaybhan Singh Pawaiya) भी हैं। भाजपा में कुछ नेता ऐसे हैं जिनकी अपनी पॉलीटिकल आईडेंटिटी (Political Identity) सिंधिया के विरोध से बनी थी। इन्ही में से एक नाम इनका भी। आज जब मीडिया से हुई बात कर रहे थे तो उनका दर्द झलक कर भी सामने आया।
कैसे बेरोजगार हो गए हैं पवैया
दरअसल जयभान सिंह पवैया को नए नवेले लोग भाजपा का नेता मानते हैं। लेकिन शायद ही आपको पता हो कि असल में जयभान सिंह पवैया बजरंग दल (Bajrang Dal) के नेता रहे। ग्वालियर (Gwalior) के उस समय के सांसद स्वर्गीय माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) का विरोध करने के बाद ही जवान सिंह पवैया को भारतीय जनता पार्टी में अपने दल में शामिल किया था। तो यदि जवान सिंह पवैया ने उस समय माधवराव सिंधिया का विरोध ना किया होता तो वे आज हो सकता है कि सेल्फ विश्व हिंदू परिषद के नेता होते। तो नेता सिंधिया घराने का विरोध करके ही अपनी जगह बना पाया हो उसके लिए तो यही कहा जाएगा कि जब से सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से उनके पास यानी कि जवान सिंह पवैया के पास कोई रोजगार ही नहीं रहा।
आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान कई पत्रकारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े सवाल पूछे। इन सवालों का जवाब देते हुए जवान सिंह पवैया ने काफी कोशिश की कि वह अपना पहले वाला रवैया न अपनाए लेकिन समय-समय पर कुछ शब्द मुंह से ऐसे निकल ही जाते हैं जो आपकी टीस और आपके दर्द को बयां कर देते हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “मैं किसी क्षेत्र पार्टी के लिए काम नहीं करता हूं बल्कि मैं हिंदुत्व के लिए काम करता हूं। राष्ट्रवाद की विचारधारा के लिए काम करता हूं।”